Antarvasna Story

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पटना में मेरी रस से भरी बुर की चुदाई – Antarvasna sex story

हेलो दोस्तों आप लोग कैसे हैं ? मजे ले रहे हैं ? सर्दी बहुत है पर मैं बहुत ज्यादा हॉट हूँ। कविता  मेरा नाम है और 19 साल की लड़की हूँ। आज मैं हाजिर हूँ एक सेक्सी कहानी लेकर।

ये कहानी मेरी सच्ची कहानी है और मैं नॉनवेज स्टोरी के दोस्तों को ये समर्पित करना चाहती हूँ। क्यों की मैं भी इस वेबसाइट की रोजाना विजिटर हूँ। और आपलोगों की कहानियां पढ़ती हूँ तो मेरा भी फर्ज बनता है की मैं आपको अपनी जो कल की ही है वो सूना दूँ।

ये कहानी मेरे और मेरे मामा जी के बिच की है कैसे मेरे मामा जी ने मेरी चुदाई की पटना में कोशिश करुँगी वैसा ही सुनाऊँ। अगर कही सेंटेंस गलत हो तो आप खुद ही समझ लें की मैं क्या कहना चाह रही हूँ। मैं झारखण्ड की रहने वाली हूँ। मेरी माँ की मैं लाड़ली बेटी हूँ।

पापा usa में रहते हैं। मैं अपने माँ के पास रहती हूँ। परसों ही मेरा एग्जाम था पटना में। क्यों की  झारखण्ड इस बार सेंटर नहीं पड़ा था किसी कारन से तो मुझे पटना जाना पड़ा।

मेरे साथ मेरे मामा जी थे जो मुझे पटना ले गए थे। दिन भर एग्जाम देने के बाद शाम को हम दोनों होटल में आये। आराम किया और खाना खाने के लिए बाहर निकले। खाना खाने के दौरान मैं नोटिस कर रही थी वो मेरे होठ को बूब्स को देख रहे था। उनकी उम्र ज्यादा नहीं मात्र 30 साल की है।

मैं समझ गई उनकी निगाह मेरे ऊपर है। मुझे लगा क्यों ना मैं भी इसका फायदा उठाऊं। क्यों की मैं खुद चुदना चाह रही थी। क्यों की इतनी कहानियां पढ़ी तो मेरा भी मन चुदाई में जाने लगा था लगता था |

कोई मुझे भी चोदे, मेरी चूचियों को दबाये, मेरी बूर को चाटे यही सब सोच कर मैं अपनी चूचियों को दबाया करती थी। और ऊपर से हॉट हॉट कहानियां। दोस्तों मुझे लगा की इससे बढ़िया मौक़ा कही नहीं मिलेगा।

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क्यों की दूसरे शहर में और कोई डर नहीं एक कमरा होटल का मन ही मन सोचने लगी की आज जो हो जाये चुदाई करा के ही दम लुंगी।

हम दोनों वापस होटल के कमरे में पहुंचे तो आते आते मेरा रंग ढंग बदल गया था। क्यों की मेरे मन में कुछ और ही चलने लगा था। पर मामा जी भी कम नहीं थे शायद वो भी समझ गए थे।

तभी वो चलते चलते ही दो बार मेरी चूतड़ को मारे और सहलाये। पीठ पर भी हाथ रखे। मेरे गाल को भी ऊँगली लगा कर बोले अरे तेरा गाल तो बहुत ठंढा है। मैं भी मचल कर बलखा रही थी।

कमरे में पहुंच कर मैं बेड पर लेट गई हाथ पैर फैला कर। मामा जी देखकर मचल गए। उन्होने बोला जो भी तेरा पति बनेगा वो बहुत ही खुशनसीब होगा। मैं पूछी क्यों तो वो बोले तुम्हारी सुंदरता गजब की है। ऐसा बॉडी तो भाग्य से ही मिलता है।

फिर मामा जी बोले का तुमने कभी किसी लड़के से साथ बैठी है ? मैं पूछी बैठी क्या होता है ? तो वो बोले अरे मैं सेक्स की बात कर रहा हूँ। तो मैं बोली नहीं अभी तक तो नहीं पर आगे का कुछ नहीं भरोसा।

तो मामा जी बोले ये भरोसा क्या होता है। तो मैं बोली आजकल मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ। रोजाना सपने देखती हूँ। तो मामा जी बोले तुमने नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कहानियां पढ़ी है।

वह ढेरों कहानी है जहा लोग अपने घर के परिवार वालों से ही सेक्स सम्बन्ध हैं। मेरे हिसाब से ये ठीक भी है क्यों की घर का माल घर रह जाये।

तो मैं मुस्कुरा दी बोली मैं बहुत बड़ी फैन हूँ इस वेबसाइट की। तो मामा जी बोले अगर तुम चाहो तो आज रात को मेरे साथ। तो मैं बोली मैं इसी का तो इंतज़ार कर रही हूँ।

आप समझ नहीं पा रहेहो तो मेरा क्या दोष। इतना कहते ही वो मुझे अपनी बाहों में भर लिए। मेरे होठ को चूसने लगे। मैं खुद भी लिपट गई। और अपना होठ उनके होठ से लॉक कर दी।दोस्तों कब उन्होंने मेरे कपडे और मैं उनके कपडे उतार दी पता ही नहीं चला और वो मुझे बाहों में भर कर गोद में उठा लिए।

बेड पर लिटा दिए और टीवी का आवाज ज्यादा कर दिया। और मेरी चूचियों को पीने लगे मेरे होठ को चूसने लगे। मैं मदहोश हो गई थी। मैं चुदना चाह रही थी। मैं जल्द से जल्द लौड़े का मजा लेना चाह रही थी।

उसके बाद वो निचे आ गए और दोनों पैरों के बिच में बैठ गए और मेरी दोनों टांगो को अलग अलग कर दिया। बूर झांक कर देखा उन्होंने। बोला अरे तुम्हारे बूर में तो रस भरा है।

मैं ऊँगली लगा कर देखि तो सचमुच में मेरी बूर गीली हो गई थी ऐसा लग रहा था रस भरा हो। ऊँगली में लगा कर अपने मुँह में ली तो नमकीन लग रहा था। मैं फिर से ऊँगली डाली और अब मैं अपने मामा जी को चटाई।

वो तो फैन हो गए मेरी रसभरी बूर की, वो चाटने लगे और मैं गांड उठा उठा कर चटवाने लगी,दोस्तों वो जितना चाटते उतना ही ज्यादा रस मेरी चूत से निकल रही थी।

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अब मैं बर्दाश्त के बाहर होने लगी क्यों की सर्दी में भी गर्मी का एहसास होने लगा था। वो मैं बोली जल्दी मुझे चोद साले मामा नहीं तो गांड में चूची घुसा दूंगी। वो तुरंत ही अपना लौड़ा हाथ में लिया और मेरी बूर पर सेट किया और जोर से पेल दिया। करीब छह इंच का मोटा लौड़ा था।

मैं पागल हो गई लौड़े को बूर में लेकर। अब वो जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा. और मैं खुद गांड को गोलाई में घुमाकर अंदर बाहर ले रही थी।

दोस्तों अब हम दोनों ही वाइल्ड हो गए थे। पागलों की तरह एक दूसरे के जिस्म को चाट रहे थे। वो बार बार यही कह रहे थे साली तुम गजब की माल हो। आज चोद कर रंडी बना दूंगा। कब से मेरी नजर थी तुमपर पर आज हाथ लगी हो तुम।

मैं कह रही थी तो इतने दिन से गांड मरा रहा था हरामजादे मामा। और गालियां देदेकर हम दोनों एक दूसरे को चूस रहे थे पेल रहे थे। उन्होंने रात भर मुझे करीब आठ बार चोदा।

दोस्तों क्या बताऊँ मामा को पहले से ही अंदेशा था की मैं चुदने वाली हूँ या उसको बिस्वास था की मैं चोद ही लूंगा इसलिए वो टेबलेट लेकर आया था ताकि काम शक्ति में कमी नहीं आये|

दोस्तों रात भर चुदाई के बाद सुबह उठा नहीं जा रहा था बूर में सूजन हो गया था। मेरी रसभरी चूत का ऐसा हाल कर दिया था जैसे अंगूर को मसल दिया हो। अभी अभी दो घंटे पहले ही झारखंड पहुंची हूँ। पहुंच कर पहले आप लोगों के लिए कहानी लिखी हूँ। मेरी बूर में अभी भी बहुत दर्द है।

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