ठरकी नेता ने मदद के बदले फुद्दी मारी – Antarvasna
Antarvasna : नमस्कार दोस्तो, आपकी अनीता भाभी आपके बीच हाजिर है| कहानी की शुरुआत दिल्ली के एक शहर से होती है, जहां शिवानी नाम की एक महिला एक कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाती है|
उसमें वह महिलाओं को अलग अलग विषयों पर क्लास देती है| लेकिन शिवानी अब इस इंस्टीट्यूट को बड़ा करना चाहती थी और इसके लिए उसे किसी से आर्थिक मदद की तलाश थी|
इसी चीज को लेकर वह कई दिनों तक प्रयास करती रही|एक दिन उसे किसी परिचित ने एक युवा नेता का संपर्क सूत्र दिया और कहा कि यह व्यक्ति आपकी मदद करेगा और आपको कोई न कोई रास्ता जरूर दिखाएगा|
शिवानी एक शादीशुदा महिला थी|उसकी उम्र 34 साल की थी और वह एक गदराए जिस्म की मालकिन थी|उसके जिस्म के सबसे आकर्षित अंग उसके बूब्स थे जिन्हें देख कर कई लंड शहीद हो चुके थे|
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शिवानी की भी कामना थी कि कोई ऐसा मर्द आए जो उसकी वासना को शांत कर सके|चूंकि शिवानी एक मॉडर्न ख्यालात की महिला थी, जिसका पति एक शांत स्वभाव वाला व्यक्ति था|उसके शांत स्वभाव वाले पति के बस में इतनी गर्म बीवी को संभालना संभव नहीं था|
शिवानी भी अपने जिस्म की जरूरत को भली भांति समझती थी और उसे जिस वक़्त सुख की जरूरत होती, वह सुख प्राप्त करना जानती थी|अपने पति के और समाज की नजरों में सभ्य और संस्कारी बने रहना भी उसे खूब अच्छे से आता था|
एक प्रकार शिवानी एक बहुत शातिर किस्म की और मॉडर्न महिला थी|शिवानी ने अपने इंस्टीट्यूट को अपने अनुसार चलाने के लिए उस युवा नेता से मिलने का तय किया|उस नेता का नाम विजय था|वह एक 26 वर्ष का नौजवान युवा था |
जो काफ़ी जुझारू और आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक था|शिवानी ने विजय को कॉल किया और अपनी समस्या बताई|विजय ने उसकी सब बात सुनकर उसे अपने ऑफिस मिलने के लिए बुलाया|
अगले दिन शिवानी एक नीली साड़ी और काले ब्लाउज को पहन कर गई|उसका यह ब्लाउज बहुत ज्यादा चुस्त था, जिसमें से शिवानी के गुब्बारे जैसे बूब्स उभर कर सामने आ रहे थे|
अपने पेट को नाभि तक खुला रखने की शिवानी की हमेशा की आदत है, इसी सेक्सी लुक के साथ शिवानी विजय के ऑफिस में गई|जैसे ही शिवानी विजय के ऑफिस में गई, विजय इतनी सेक्सी औरत को देख मन्त्रमुग्ध हो गया|
पोलिटिकल सेक्स का वह अपने सामने शिवानी के पूरे जिस्म को एकटक होकर निहारने लगा|शिवानी के लिए यह आम बात थी क्योंकि वह जानती थी कि मर्द उसे घूरते हैं और आंखों से चोदते हैं|हालांकि विजय भी एक आकर्षक नौजवान था|
उसे देख कर शिवानी को वह पहली ही नजर में भा गया था|लेकिन शिवानी को अपना काम ज्यादा जरूरी था इसलिए उसने अपनी वासना पर संयम रखते हुए हल्की सी मुस्कुराहट होंठों पर लाई|उसने विजय को हैलो कहा|
विजय ने भी उसकी हैलो का जवाब दिया और उसे बैठने के लिए कहा|शिवानी ने सामान्य औपचारिकता के बाद विजय के सामने अपनी समस्या को बताना शुरू किया|विजय भी पूरे ध्यान से उसे सुनता रहा; साथ ही वह उसके जिस्म की महक को महसूस करता रहा|
विजय को समझ में यह आ गया था कि शिवानी को किसी सरकारी फंड की जरूरत है, जिसे कैसे लिया जाए … इसका उसे कोई इल्म नहीं था|
जबकि विजय के लिए ये सब कराना कोई बड़ी बात नहीं थी|
शिवानी ने विजय से कहा कि मुझे55,00,000/, का फंड मिल जाए, तो मेरा सपना पूरा हो जाएगा|विजय बोला, शिवानी जी आप चिंता ना करें| आप सही जगह आई हैं| अब आपका काम कराने का मैं पूरा प्रयास करूँगा|
ये सुनकर शिवानी बहुत खुश हो गई और बोली, विजय जी, आपका ये अहसान होगा मुझ पर … मैं कई सालों से प्रयत्न कर रही हूँ लेकिन हो नहीं रहा था| आप अगर मेरा काम करवा दोगे, तो मैं आपकी पूरा जीवन आभारी रहूंगी|
विजय ने कहा, आपका काम बहुत जल्द हो जाएगा| आप बस मेरे संपर्क में रहें| चूंकि अब आप मेरे संपर्क में रहेंगी, तो आपके बाकी के भी काम यदि कोई होने हैं, तो वे भी पूरे हो जाएंगे|विजय की बातों से शिवानी काफ़ी प्रभावित हो गई थी|
कुछ देर बातें करने के बाद वह घर आ गई|उसी रात शिवानी ने व्हाट्सप्प पर विजय को गुडनाईट का मैसेज किया|उसे देख विजय ने जबाव दिया, कैसी हैं शिवानी जी?शिवानी , जी, सब बढ़िया है| आप बोलिए … कहां हैं?
विजय , जी, बस घर पर ही हूँ|शिवानी , जी, आप पूरा दिन व्यस्त होते हैं, तो काफी थक जाते होंगे!विजय , हां जी, वह तो है|शिवानी , विजय जी, आपने आज किया कुछ मेरे काम का?विजय , जी बिल्कुल किया, उस विभाग का प्रमुख मेरा काफ़ी करीबी है|
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उसने कहा है कि वह आपका काम करा देगा| आपको अपने कागज लेकर 4 दिन बाद उसके ऑफिस चलना होगा|शिवानी , शुक्रिया विजय जी, आपने मेरा बहुत बड़ा काम किया है| आपका अहसान कैसे चुकाऊं, समझ नहीं आता है|
विजय , कोई आपसे भी हमारा काम हुआ, तो आप वह कर देना … बस इतनी सी इच्छा है!शिवानी , आपके लिए मैं कुछ भी करूँगी विजय जी!
विजय , शुक्रिया शिवानी जी|शिवानी , आपको कल रात मेरी दावत कबूल करनी होगी| आप आएंगे ना?
विजय , जी, आप बुलाएं और हम ना आएं … मैं जरूर आऊंगा|विजय अगले दिन पूरी तरह तैयार होकर शिवानी के घर चला गया|वहां शिवानी घर में काली साड़ी के साथ मैचिंग का काला ब्लाउज पहने हुई थी|
उसके साथ उसके पति और उसका 6 साल का बेटा भी था|पूरे परिवार ने विजय का स्वागत किया|विजय शिवानी को देख देख कर पागल हुआ जा रहा था लेकिन वह खुद को संभाल कर अन्दर आ गया|
विजय ने शिवानी के परिवार के साथ खाना खाया|खाने के बाद वह परिवार के साथ कुछ देर बात करता रहा|शिवानी के पति को विजय का स्वभाव काफ़ी अच्छा लगा और विजय से वह काफ़ी घुल-मिल गया|
फिर विजय ने शिवानी से कहा, आपका घर काफ़ी बड़ा और अच्छा है|शिवानी का पति बोला, शिवानी , तुमने विजय जी को घर दिखाया ही नहीं| तुम इन्हें घर दिखा लाओ, तब तक मैं बच्चे का होमवर्क कराता हूँ|
शिवानी विजय को अपना घर दिखाने लगी|और देखते देखते दोनों घर के दूसरी मंजिल पर आ गए जहां शिवानी ने विजय को अपने रूम दिखाया|कमरे में शिवानी की कुछ बड़ी बड़ी फोटोज लगी थीं जिनमें शिवानी काफ़ी सेक्सी दिख रही थी|
दो तस्वीरें तो एकदम नंगी थीं, जिनमें शिवानी ने खुद को कुछ फूलों से छिपाया हुआ था|विजय उन दोनों तस्वीरों को काफ़ी ध्यान से देखता रहा और बोला, शिवानी जी, आपको बुरा ना लगे, तो एक बात कहूँ?
शिवानी , अरे विजय जी आप कहिए ना … आपकी बात का क्या बुरा मानना भला!विजय ,आप काफ़ी खूबसूरत और मनमोहक लगती हो| आपकी तस्वीरें किसी हीरोइन से कम नहीं हैं|विजय की इस बात पर शिवानी शर्मा गई और उसने विजय को शुक्रिया कहा|
उस वक्त विजय शिवानी के इतने करीब था जिससे उसे शिवानी के जिस्म की गर्मी महसूस हो रही थी|बातों बातों में किसी बात पर जोर से हंसी आने पर विजय ने शिवानी की पीठ पर हाथ फेर दिया|
शिवानी ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, उसने हंस कर विजय से बातें करना जारी रखा|अब विजय शिवानी की खूबसूरती की तारीफ करने लगा|यह सब बात करते हुए वह शिवानी की मुलायम गांड को भी अनजान बनते हुए एक दो बार छू लेता है|
उसके इस स्पर्श को शिवानी ने गहराई से महसूस किया लेकिन वह अभी भी सामान्य बनी रही|शिवानी को विजय से बातें करना अच्छा लग रहा था, तभी शिवानी के पति ने आवाज़ दी और दोनों नीचे चले आए|
उस रात विजय अपने घर वापस आया और शिवानी के सेक्सी बदन को याद करते हुए अपना लंड मसलने लगा|रात के बारह बजे थे … विजय से न रहा गया और उसने शिवानी को मैसेज कर दिया ‘दावत के लिए शुक्रिया!’
शिवानी ने तुरंत जवाब दिया, अरे आप तो अब हमारे परिवार के सदस्य हो, आप आए … ये हमारे लिए ख़ुशी की बात है|फिर थोड़ी इधर उधर की बातें करते हुए विजय ने कहा, मैं तो सोच रहा था कि आप सो गई होंगी|
आप अभी तक क्यों नहीं सोईं … साहब जगाए हुए हैं क्या?शिवानी , अरे नहीं बाबा, वे तो कब के सो गए| मुझे ही देर से सोने की आदत है|विजय , क्या … वे सो गए? इतनी खूबसूरत बीवी होते हुए उन्हें नींद कैसे आ सकती है!
शिवानी , क्यों नहीं आती नींद, खूबसूरत बीवी होने पर क्या होता है?शिवानी भी विजय के ख़ुशी के लिए उसके मन के हिसाब से बातें करने लगी|विजय , अब आपको नहीं पता क्या?शिवानी , जी नहीं|
विजय , प्यार करते हैं … और उनके पास आपके जैसी बीवी है तो क्या ही कहूँ?शिवानी , कहिए ना!विजय , आपको बुरा लगेगा!शिवानी , विजय जी आप कहिए, जो भी कहना हो| मुझे कुछ भी बुरा नहीं लगता|
विजय , सच बात तो यह है शिवानी जी कि आप बहुत सेक्सी दिखती हैं| आपका पूरा हुस्न देख कर न …शिवानी , अरे रुक क्यों गए, खुल कर बोलिए ना … मेरा हुस्न देख … क्या?विजय , मेरे अन्दर हलचल शुरू हो जाती है|
शिवानी , अन्दर कहां, दिल में?विजय , नहीं, कहीं और …शिवानी , कहां, बोलिए ना विजय जी?विजय , छोड़िए … कल क्या कर रही हैं आप?शिवानी , आप बोलिए, कुछ काम है?विजय , कल आपको दावत मेरी ओर से होटल में!
शिवानी , जी जरूर, मैं मेरे पति को कहती हूँ … हम आ जाएंगे|विजय , अरे शिवानी जी, ये दावत सिर्फ आपके लिए है| हमारी दोस्ती के लिए … पति के साथ किसी और दिन!
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शिवानी , ओके जी, फिर कल कहां आना है?विजय , आप मेरे ऑफिस के पास जो होटल है| वहां आइए … कल दोपहर को मिलते हैं|शिवानी , जी जरूर|दूसरे दिन शिवानी लाल साड़ी में पूरी सेक्सी लुक में तैयार होकर होटल आ गई|
वहां जाकर वह विजय को खोजने लगी|लेकिन उसे विजय नजर नहीं आ रहा था|कुछ देर बाद शिवानी ने विजय को कॉल करके पूछा, कहां हो?विजय ने उसे होटल के ही ऊपर एक कमरे का नंबर बताया और आने का कहा|
शिवानी तो पहले ही समझ गई थी कि विजय के लौड़े में आग लग चुकी है और वह कमरे में बुला कर क्या चाहता है|पर शिवानी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था|उसके लिए विजय हीरो था जो उसके काम आ रहा था|
शिवानी उस रूम में चली गई|यह कमरा काफ़ी रोमांटिक तरीके से सजा कर तैयार किया गया था|विजय ने शिवानी को देख लंड पर हाथ फेरा और उसे अन्दर बुलाकर बेड पर बैठने को कहा|शिवानी पूरे आत्मविश्वास से वहां बैठ गई|दोनों बातें करने लगे|
कुछ ही देर में खाना आ गया तो वे दोनों खाना खाने लगे|विजय शिवानी से बातें करते हुए बोला, शिवानी जी, आप इस साड़ी में बहुत हॉट लग रही हो!शिवानी , अच्छा जी … सच्ची!विजय , सच्ची मुच्ची … आपका पूरा जिस्म में ही लाजवाब है|शिवानी , हम्म … वह तो है!
विजय , क्या आप मेरा एक काम करेंगी?शिवानी , आप बस हुकुम करो|विजय , क्या मैं आपको एक बार गले लगा सकता हूँ!
शिवानी , क्यों?विजय , जब से आपको देखा है, तब से इच्छा है कि आपको एक बार गले से लगा सकूँ|
शिवानी , अब आपने मेरे लिए इतना किया है, तो एक दोस्त के नाते गले लगना क्या बड़ी बात है!विजय खुश हो गया और वह शिवानी के करीब आ गया|उसने शिवानी का हाथ पकड़ कर उसे खड़ा कर दिया और उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपने सीने से चिपका लिया|
अपने सीने से चिपका कर उसने शिवानी की गदराई हुई गांड को जोर से दबा कर खुद के दोनों हाथों में भर लिया|इससे शिवानी की चीख निकल गई|चीख निकलने के बावजूद भी विजय शिवानी की गांड को इसी तरह जोरों से दबाए रहा|
साथ उसने अपने होंठ शिवानी के गले पर रख दिए और उसे चूमना शुरू कर दिया|शिवानी की चूत में भी अब आग भड़क गई थी|वह विजय से बोली, विजय जी, क्या कर रहे हो यार … दर्द हो रहा है| आपको तो बस गले लगना था| पर आप तो कुछ और ही कर रहे हैं!
विजय , शहहह् …विजय शिवानी के पूरे जिस्म को चूमने लग गया और इसी तरह से वह उसके होंठों को चूमने लगा|शिवानी भी अब उसका साथ देने लगी|वह पूरे जोश में विजय को चूमने लगी और उसके कपड़े उतारने लगी|
फिर विजय ने भी शिवानी की कमर को चूमते हुए उसकी साड़ी को खोल दिया|देखते ही देखते दोनों एक दूसरे के सामने नंगे हो गए|विजय शिवानी को पलंग पर लिटा कर उसके नर्म रसीले होंठों को चूसने लगा|
वह अपना लंड शिवानी की चूत पर घिसने लगा|इससे शिवानी तड़प उठी और सिसिया कर बोली, आह विजय जी … प्लीज चोदिए ना अपनी शिवानी की चूत को … आह पेल दीजिए अपना मूसल|
बस विजय ने अपना लंड शिवानी की चूत में घुसा दिया और वह घप … घपाघप घप … शिवानी की चुदाई करने लगा|लंड की रफ़्तार और शिवानी की कड़क चूत का घमासान चालू हो गया था|
शिवानी जोर जोर से आहें भरने लगी थी| इससे विजय में और जोश आ गया था|इसी तरह से विजय ने शिवानी को पूरे 40 मिनट तक चोदा|उसकी मदमस्त चुदाई के बाद विजय ने अपने लंड के झरने को शिवानी की चूत में छोड़ दिया|
वे दोनों जोर जोर से सांसें भरते हुए एक दूसरे को तृप्त करने लगे|चुदाई के बाद वे दोनों एक दूसरे की बांहों में यूं ही नंगे सो गए|एक घंटा बाद उठने पर शिवानी विजय के होंठों को चूसने लगी|
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उसने कहा, विजय , तुमसे चुदाई करवा कर बहुत मजा आया| मालूम है, जब मैं तुमसे पहली बार मिली थी न … मैं तभी समझ गई थी कि तुम मेरा काम करो या ना करो लेकिन मेरी चुदाई जरूर करोगे!
विजय , तो तुम भी चुदना चाहती थी?शिवानी , नहीं, लेकिन जितना तुमने किया है … उसके लिए ये इनाम तो मैं तुमको देती ही| पर आज तुमने खुद ले लिया|इसी तरह की बातों के साथ वे दोनों फिर से चुदाई के दूसरे राउंड को तैयार हो गए|
चुदाई करने के बाद शिवानी अपने कपड़े पहन कर जाने लगी|तब विजय ने कहा, शिवानी अब कब चुदाई कर पाऊंगा तुम्हारी?शिवानी , अब ये चूत हमेशा के लिए तुम्हारी ही है, ज़ब चाहे अपने लंड से चोद लेना|
ये कहकर वह अपनी गांड मटकाती हुई चली गई|पोलिटिकल सेक्स का मजा लेकर विजय ने उसको अपने लंड के साथ फंड भी दिला दिया|अब विजय जब मन होता, तब वह उसको चोद लेता
शिवानी की मदद से विजय उसकी इंस्टीट्यूट की भी कई लड़कियों को भी चोद चुका है|इस तरह एक नेता ने किसी को कुछ दिला कर उसका बहुत कुछ ले लिया|
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