मुनि बदनाम हुई पापा के लंड के लिए -Baap Beti ki Chudai ki Kahani
Baap Beti ki Chudai ki Kahani ; मैं अंतर्वासना की नियमित पाठिका हूँ और रहूंगी क्यूंकि मुझे इस प्यार हो गया है। मैं इसमें छपने वाली एक-एक कहानी को आराम से बैठ कर पढ़ती हूँ और आज मैं अपनी पहली कहानी अन्तर्वासना को भेज रही हूँ।
उम्मीद है कि जल्द ही आपके सामने आयेगी। मेरा नाम मुनि है, मैं दिल्ली से नोयडा की एक बेहद कमसिन हसीना हूँ, मैं भरे हुए यौवन की पिटारी हूँ जिसको हर मर्द अपने नीचे लिटाना चाहता है |
पांच फ़ुट पांच इंच लंबी, जलेबी जैसा बदन, किसी को भी अपनी ओर खींचने वाला वक्ष | पतली सी कमर, मस्त गद्देदार गांड, गुलाबी होंठ, गोरा रंग! अपने से बड़ी लड़कियों के साथ मेरा याराना है।
मैंने इसी साल बारहवीं क्लास की है और नर्सिंग के तीन साल के कोर्स में मैंने दाखला लिया है। मेरी माँ की शादी सोलहवें साल में हो गई थी | बीस साल तक पहुंचते दो लड़कियो की माँ बन गई, सुन्दर औरत है
सौतेले पापा ने अन्तर्वासना जगा कर गांड फाड़ी – Baap Beti Ki Chudai
पांच बच्चे जन चुकी है लेकिन अभी भी कसा हुआ जिस्म है। मेरी माँ के कई गैर मर्दों के साथ रिश्ते थे जिससे मेरा बाप माँ के साथ झगड़ा करता। पापा ने काफी जायदाद माँ के नाम से खरीदी थी।
आखिर दोनों में तलाक हो गया, तीन बच्चे पापा ने रखे और हम दो माँ के साथ रहने लगीं। माँ को जवान लड़कों का चस्का था, लड़कों हमारे पीछे बुलवा कर चुदवाती जिसका असर हम पर होने लगा।
माँ के नक्शे कदम पर बड़ी बहन ने पैर रख दिए, मेरा भी एक लड़के के साथ चक्कर चल पड़ा| एक दिन मैं घर में अकेली थी। माँ दिल्ली किसी काम से गई हुईं थी। इसलिए दीदी ने उस रात अपने किसी बॉय-फ्रेंड के साथ चली गई |
क्यूंकि उनकी फ़ोन पर बात हो रही थी मैंने दूसरी तरफ से फ़ोन उठाया हुआ था। मैं और मेरा प्रेमी पम्मा भी चोरी छिपे सिनेमा और पार्कों में मिलते और बात चूमा चाटी तक ही रह जाती थी।
ज्यादा से ज्यादा सिनेमा में में उसके लौड़े को सहलाती उसकी मुठ मारती, चूसती थी। उस रात मैंने पम्मा को बुलवा लिया, करीब रात के दस बजे पम्मा आया, मेरे कमरे में जाते ही हम एक दूसरे से लिपट गए।
उससे ज्यादा मैं लिपट रही थी। उसने मेरा एक एक कपड़ा उतार दिया, मैंने उसका!आखिर में मैंने नीचे झुकते हुए उसके लौड़े को मुँह में ले लिया। उसने खूब मेरी चुचियाँ दबाई और चुचूक चूसे, 69 में आकर चूत चाटी।
उसने अपना लौड़ा जब मेरी टांगों के बीच में बैठ चूत पर रखा- हाय डालो न राजा!उसने कहा- ज़रा मुँह में लेकर गीला कर दे!उसने फिर से रखा!अब डालो भी!उसने झटका दिया और मेरी चीख निकल गई- छोड़ो ऽऽ!
निकालोऽऽ!उसने मुझ पर पहले से शिकंजा कसा था| उसने बिना कुछ कहे पूरा लौड़ा डाल दिया।हाय मर गई ईईईईइ माँ! फट गई!कुछ पल बाद मैं खुद चुदवाने के लिए गांड उठा कर करवाने लगी।
उसने अब पकड़ ढीली की।हाय राजा मारते रहो! करीब पन्दरह मिनट के बाद दोनों झड़ गए। उस रात मेरी सील टूटी, पूरी रात चुदवाती रही, मैं कली से फूल बन चुकी थी।जब तक माँ नहीं आई हर रात वो मुझे चोद देता।
एक रात उसने अपने एक दोस्त को साथ बुलाया और मिलकर मेरी चूत मारी।जिस दिन माँ वापस आई, उसके साथ एक हट्टा कट्टा जवान लड़का था। माँ की मांग में सिंदूर था |
नया मंगल सूत्र!माँ ने हम दोनों बहनों को बुलाया और बताया कि माँ ने दूसरी शादी कर ली है।उसकी उम्र 47 साल के करीब होगी, माँ चवालीस साल!दोनों रात होते कमरे में घुस जाते, फिर चुदाई समरोह चलता!
एक दिन मैंने दिन में ही माँ के कमरे का पर्दा सरका दिया। रात हुई, मैंने अन्दर देखा- माँ बिल्कुल नंगी थी अकेली बिस्तर पर लेटी चूत मसल रही थी, अपने हाथ से अपना मम्मा दबा रही थी।
माँ ने ऊँगली के इशारे से मेरे सौतेले बाप को पास बुलाया, नीचे की ओर चूत पर दबाव दिया और चूत चटवाने लगी। मेरी चूत गीली होने लगी। मैं अपनी चूत में ऊँगली करते हुए सब देख रही थी।
माँ उसका मोटा लौड़ा मुँह में डाल कुतिया की तरह चाट रहीं थी- हाय मेरे राजा! तेरे लौड़े को देखकर मैंने तुझे खसम बना लिया है।वो सीधा लेट गया, माँ ने थूक लगाया और उस पर बैठ गई।
मैं वहाँ से आई और कमरे में जाकर अपनी चूत में ऊँगली करने लगी।कुछ दिनों में मेरा सौतेला बाप मेरे जवानी पे ध्यान देने लगा लेकिन मैं उससे ज्यादा बात नहीं करती थी।
जब वो सामने आता, मेरे आँखों में उसके लौड़े की तस्वीर घूमने लगती। रात को माँ को सिर्फ अपनी चुदाई से वास्ता था। यह नहीं सोचा कि दो जवान बेटियों पर क्या असर होगा। दीदी तो इस आजादी से खुश थी।
माँ का बहुत बड़े स्केल की बूटीक है, मेरे सौतेले बाप को पैसे देकर वर्कशॉप खोली और नई कार खरीद कर दी। हमें पैसे देते वक्त चिल्लाती- इतने पैसे का क्या करती हो?
मैंने माँ को सबक सिखाने की सोची।सौतेला बाप खाना खाने दोपहर घर आ जाता। मैं उसके साथ घुलमिल सी गई, पहले से ज्यादा बात करती! वो भंवरे की तरह मेरी जवानी का रस चूसने के लिए बेताब था।
एक दोपहर अपने कमरे के ए|सी की तार निकाल दी और उनके आने से पहले उनके कमरे का ए|सी चालू कर वहाँ लेट गई। मैंने एक जालीदार और पारदर्शी गाऊन, गुलाबी और काली कच्छी-ब्रा डाल उलटी तकिये से लिपट सोने का नाटक करने लगी।
ठरकी बाप ने बेटी की कुँवारी चूत का भोसड़ा बनाया – Baap Beti ki Chudai ki Kahani
आज तक मैं उसके सामने ऐसे नहीं आई थी। जब वो आये, मुझे मेरे कमरे में ना पाकर मायूस से होकर अपने ही कमरे में आये। मैंने थोड़ी से आंख खोल रखी थी, मुझे देख वो खुश हो गया, बाहर गया, सारे लॉक लगा वापस आया।
दूसरे बेड पर बैठे हुए उसने अपना हाथ मेरी रेशम जैसे पोली-पोली गांड पर फेरा। मैं गर्म होने लगी, वहाँ से हाथ पेट तक गया, उसका मरदाना हाथ अपना पूरा रंग दिखा रहा था।
उसने मेरा गाऊन खिसका दिया। मैंने पलट कर उसको अपने ऊपर गिरा लिया। वो पहले से ही सिर्फ कच्छे में था, आगे से फटने हो आया हुआ था।उसने मुझे यानि अपनी सौतेली बेटी को नंगी कर दिया, बोला- रानी!
क्या जवानी है तेरी! तुम दोनों बहनें साली रंडियाँ हो! तेरी माँ ने जब परिवार की तस्वीर दिखाई थी, उसे देख मैंने उससे शादी कर ली।मैंने जिस दिन से आपका लौड़ा देखा है, चुदवाने को तैयार थी!
हम दोनों एक दूसरे को पागलों जैसे चूमने लगे, तूफ़ान आ चुका था।ओह मेरी जान!मैंने उसका लौड़ा मुँह में ले लिया और कुतिया की तर जुबान निकल निकाल चाटने लगी। वो भी मेरा साथ देने लगा
वो भी अपनी जुबान जब मेरे दाने पर फेरता तो मैं उछल उठती- अह अह करने लगती!बहुत ज़बरदस्त मर्द खिलाड़ी था! एक एक ढंग था उसके तरकश में लड़की चोदने के लिए!साली कितनों से चुदी है?काफी चुदी हूँ!
लेकिन मुझे अब तड़पाओ मत और मेरी चूत मारो!आह मसल दे मुझे! कमीने रगड़ दे! मेरे जिस्म को पेल डाल अब बहन के लौड़े!छिनाल, कुतिया, गली की रंडी! तेरी माँ चोद दूंगा!
आज तेरी हूँ मैं तेरी! जो आये करो!आह!उसने मेरे बालों को पकड़ मेरे मुँह में लौड़ा घुसा कर उसे निकलने नहीं दे रहा था। मैं खांसने लगी, मैंने टांगें खोल ली और वो बीच में आया, मैंने हाथ से पकड़ चूत पे टिकाया,
उसने जोर से झटका मारा और उसका आधा लौड़ा घुस गया। थोड़ी सी दर्द हुई लेकिन मैंने चिल्लाने का काफी नाटक किया। सांस खींच चूत कसी, उसके दूसरे झटके में पूरा लौड़ा उतर चुका था।और आह फक मी!
चोद और चोद साले, दिखा दे दम!ले कुत्ती कहीं की!दस मिनट ऐसे चोदने के बाद बोला- कुतिया की तरह झुक जा!वो मेरे पीछे आया, उसने लौड़े पर थूक लगाया और पेल दिया।हाय मेरे राजा! मेरे सांई!उसने रफ्तार पकड़ ली।
हाय, उसने मेरा बदन खड़का दिया। नीचे से मेरे कसे हुए बड़े बड़े मम्मों को इस तरह मसल रहा था जैसे कोई गाय का दूध निकाल रहा हो। मैं झड़ गई लेकिन वो अभी भी मस्ती से चूत मार रहा था।
मैंने कहा- मेरा काम तमाम हो गया!तो उसने बिना कुछ कहे लौड़े खींचा, मेरी गांड पर रख झटका मारा। मैं तैयार नहीं थी उसके इस वार के लिए!दर्द से कराह उठी मैं!
पापा की लाड़ली परी बनी पापा की रंडी – Baap Beti Ki Chudai
वो नहीं माना और पूरा लौड़ा घुसा के ही दम लिया और तेजी से मारने लगा। जैसे मुझे कुछ राहत मिली, मैं अपनी चूत के दाने को चुटकी से मसलने लगी। पांच मिनट बाद उसने अपना पूरा माल मेरी गांड के अन्दर छोड़ दिया |
बाहर निकाल मेरे होंठों से रगड़ दिया। मैंने जुबान निकाल सब कुछ साफ़ कर दिया।शाम तक उसने मुझे दो बार चोदा। रोज़ दोपहर में मुझे चोदता।मुझे सोने का सेट, पायल का जोड़ा, खुला खर्चा देता।
एक दिन उसने बताया कि वो दोस्तों के साथ घूमने शिमला जा रहा है। मेरे कहने पर उसने मुझे साथ लेकर जाने का फैसला किया। मैंने कॉलेज टूर का प्रोग्राम बताया।
उसने अपनी वर्कशॉप के लिए दिल्ली से कुछ सामान!उसके साथ उसके तीन दोस्त थे, मैं अकेली!मैंने वहाँ और रास्ते में जो मजे लिए चार मर्दों के साथ, वो सब अगली बार लिखूंगी।
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