दोस्त की गांड मरवा के पैसा कमाया – Gay Sex Story
Gay Sex Story : हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी का antarvasnastory.net.in में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ।
आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है। मेरा नाम कुणाल है। मै दिल्ली में करोल बाग कॉलोनी में रहता हूँ।
मेरी उम्र 24 साल की है। मै देखने में बहुत खूबसूरत लगता हूँ। अब तक मुझसे कई लडकियां पट कर चुदवा चुकी हैं। मैं अभी तक कई लड़कियों को पटाकर चोद चुका हूँ। चुदाई न करने की वजह से मेरी चोदने की प्यास बढ़ती ही जा रही थी।
लडकियां मुझे देखते फ़िदा हो जाती हैं। मुझे गांड चोदने में बहुत मजा आता है। रोज चुदाई करने के बावजूद भी मेरा लंड हमेशा चूत का प्यासा रहता है। मेरे क्लास में सारे लड़को की एक दो गर्लफ्रेंड हैं।
सबकी गर्लफ्रेंड को देख कर मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता है। मेरे कॉलेज की अच्छी से अच्छी लड़किया मरती है मुझ पर। मेरी पर्सनालिटी भी बहुत ही जबरदस्त है। इसी वजह से लड़कियां मेरे और करीब आना चाहती हैं।
छुपन छुपाई खेल खेल में गांड मुहूर्त – gay sex story in hindi
दोस्तों मै एक मीडियम परिवार का लड़का हूँ। मेरे पापा गवर्मेंट जॉब करते है। मुझे घर से जो खर्चा मिलता है। उससे मेरा खर्चा पूरा नहीं होता। मै किसी तरह से इधर उधर से करके अपना खर्चा चलाता हूँ।
मेरा सारा पैसा लड़कियों पर खर्च हो जाता है। दोस्तों आपको तो पता ही होगा की लड़कियों को कितना पैसा खर्चा होता है। मै भी इसी लत का शिकार हूँ। दोस्तों मैं अब तक बहुत सारा पैसा खर्च कर चुका हूँ।
मै ही अकेला अपने घर का वारिश हूँ। मैं नहीं तो और कौन खर्च करेगा सारा पैसा। लेकिन अब मेरा खर्चा चला रहा है मेरा दोस्त। जिसका नाम अंकित है। अंकित बहुत ही बड़े घर का लड़का है। उसके पापा बहुत बड़े इंजीनिअर हैं।
मैंने उसका घर भी देखा है। लेकिन अभी जितने भी बडे घर का हो गांड तो मैं ही मारता हूँ। अभी पहली बार मुझे रात के टाइम मिला था। मैं रात को करीब 11 बजे घर आ रहा था। अंकित ने मुझे देखा। लेकिन मैं अंकित को नहीं जानता था।
अंकित भी मुझे नहीं जानता था। लेकिन फिर भी उसने मुझे रोक लिया। अंकित हे स्मार्ट बॉय स्टॉप स्टॉप स्टॉप”मैं रूक गया।मैहाँ भाई साहब बताइये”अंकितमेरा एक काम करोगे”मैकैसा काम!! मै तो तुम्हे जानता तक नहीं फिर तुम्हारा काम क्यूँ करूं??”
मैने इतना कहकर वहाँ से चलने लगा। अंकित ने मुझे पकड़ लिया। अंकित मेरे भाई मेरी बात तो सुनो,मै छोडो यार मुझे जाने दो। मुझे कोई काम नहीं करना अंकित,” यार प्लीज़ मेरा काम कर दो,मैंने कहाकौन सा काम है |
जल्दी बताओ अंकित ने मुझे पास की गली में ले गया। अंकित ने कहा मुझे तुमसे अपनी गांड मरवानी है। मैं, तुम्हारा दिमाग तो नहीं खराब हो गया”अंकित ने मेरे पैंट की हुक खोल दी। मेरे पैरो को पकड़ कर कहने लगाआज तुम मुझे कुछ ही करने दो नहीं तो मैं तुम्हारा पैर नहीं छोड़ूंगा।
मै डर गया। मैंने पास से जाकर कहा आज बहुत रात हो चुकी है। मैं उसके सारे गुण समझ गया। मैं बहाना मारने लगा। आज मेरा मूड नहीं है। कभी और कर दूंगा तुम्हारा काम। उसने कहा अपना लौड़ा ही दो मिनट को दे दो चूसने के लिए। मैं डर गया। कही मेरा लौड़ा ना काट ले।
मैंने नहीं नहीं कहा। लेकिन अंकित ने कहा, “डरो नहीं मैं सिर्फ दो मिनट लेकर चूसूंगा”मैंने अपना लौड़ा निकाल कर डरते हुए सामने कर दिया। उसने मेरे लौड़े की काफी तारीफ की। मेरे पास अब कोई और चारा भी नहीं नहीं बचा था। वो मेरे पैरों को छोड़ ही नहीं रहा था।
अंकित यार तुम्हारा लौड़ा बहुत गोरा है काफी बड़ा भी है,मै यार अब जल्दी करो मुझे देर हो रहा है” अंकित दो मिनट यार अभी चले जाना, अंकित मेरे लौड़े को चूस चूस कर और बड़ा कर दिया। मै भी काफ़ी जोश में आ गया।
मेरा लौड़ा अंकित अपने हाथों से मुठ मार मार कर चूस रहा था। अंकित ने मुठ मार मार कर मेरा लौड़ा गर्म कर सारा माल निकाल दिया। अंकित, गिरा दो मेरे मुँह में अपना माल। मैं अब तक माल के गिरने का ही तो इंतजार कर रहा था।
मैने अपना सारा माल अंकित के मुँह में गिरा दिया। अंकित ने मेरा सारा माल पी लिया। अंकित ने मुझे थैंक्स बोला। मुझे यकीन हो गया। ये सच में अपनी गांड मरवाने को बेकरार है। मैंने भी सोचा। गांड लड़के की हो या लड़की की। मारने में तो उतना ही मजा आयेगा।
मैंने अपना लौड़ा अंकित के मुह से निकाला। अपना पैंट ऊपर करके हुक बंद किया।अंकित कब मिलोगे” मैंने कहादेखो भाई कहा आना है। मैंने कहने में कीच काच कीउसने अपने पर्स से 1 हजार रुपया निकाला। बोलाशंकर होटल के पास आ जाना |
मै दूसरे दिन नहा धो के अंकित की गांड मारने के लिए घर से निकला। अंकित ने जहां बताया था। मैं टाइम से पहुंच गया। अंकित भी वहाँ पहले से ही खड़ा एरा इंतेजार कर रहा था।
मैंने वहाँ जाकर देखा तो देखता ही रह गया। इतना अमीर घर का लड़का दूसरों से गांड मरवाता फिरता है। मैंने पूंछा भाई तुमको गांड मरवा कर क्या मिलता है। उसने जबाब दिया जितना मजा तुमको गांड मार के आता है। उतना ही मजा मुझे गांड मरवा कर आता है|
मैंने कहा कब से तुम मरवा रहे हो,अंकित बचपन से ही अच्छे अच्छे लड़को से मरवा रहा हूँ”अंकित होटल में जाकर खिलाया पिलाया। उसके बाद उसने एक रूम लिया।
बोला,आज रात हम दोनों को यही ठहरना है |
मैंने घर पर बोल दिया था। आज मैं अपने दोस्त के घर जा रहा हूँ। आज मैं नहीं आऊंगा। मम्मी से बता कर चला आया था। मैंने रूम में जाकर फ्रेश हुआ। इधर अंकित मेरे लौड़े का इंतजार कर रहा था।
मैने अंकित के पास आकर बोलाअंकित तेरा घर कहाँ है,अंकित अंकित ने अपने पापा का नाम बताया,मैं चौंक गया। उसके पापा तो वाकई बहुत अमीर आदमी थे। उसने बताया उसके घर में उसके अलावा उसके पापा ही यहां रहते है।
अंकित मेरे लौड़े की तरफ बढ़ा। अंकित ने मेरा पैंट निकाल कर मेरा लौड़ा चूसने लगा। अंकित ने मेरा लौंडा अपने दोनों हाथों से पकड़ कर चूस रहा था। अंकित मेरा लौड़ा अपने मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह से चूस रहा था।
मैंने पहली बार किसी लड़के से अपना लंड चुसवा रहा था। मैंने लड़कियों को तो बहुत लंड चुसवाया है। लेकिन लड़के को चुसाना मेरा पहली बार था। मैंने अपना लौड़ा उसकी मुँह में रख कर चुसवा रहा था।
दोस्त की लपलपाती गांड मारी- gay sex story in hindi
अंकित बड़े मजे मजे से मेरा लौड़ा चूस रहा था। सी..सी…सी….सी..सी… इस्स्स..इस्स्स की आवाज के साथ चूसने लगा। मुझे तो वो बिल्कुल लड़कियो की तरह लगने लगा। लडकियां भी मेरा लंड मुँह में लेकर सी सी करके चूसती थी।
अंकित अपनी गर्म गर्म साँसे मेरे लौंडे पर छोड़ रहा था। मेरा लौड़ा बड़ा ही होता जा रहा था। मेरे लंड की नसें फूलती ही जा रही थी। मैं लेट गया। अंकित झुक कर मेरा लौड़ा चूसने लगा। मै भी अपना लौड़ा उठा उठा कर अंकित को चुसवा रहा था।
मै अंकित को उसके मुँह में ही चोद रहा था। अंकित की मुँह को चोद ने के साथ अंकित मुठ भी मार रहा था। अंकित के मुठ मारने से मेरे लंड की स्पीड दुगनी हो गई। मै झड़ने वाला हो गया।
मै अंकित मै झड़ने वाला हूँ”अंकित रोज बताना पडेगा। जहां कल झड़ा था वही आज भी झड़ दे,मैंने अपना माल फिर से अंकित की मुँह में अपना माल गिरा दिया। अंकित ने बड़े मजे से मेरा माल पी लिया।
हम दूसरे राउंड को तैयार हो रहे थे। की अंकित के पापा का फ़ोन आया। अंकित के पापा को कही बाहर किसी काम से जाना था। अंकित के पापा ने उसे अर्जेंटली उसे घर पर बुलाया।
अंकित ने मना कर दिया। उसके पापा उसे डांटने लगे। तो उसने हाँ कर दिया। उसका फ़ोन हैंड फ्री था। मैं सबकुछ कान लगाए सुन रहा था।अंकित ने कहा ठीक है पापा मै अभी आधे घंटे में आता हूँ। मैं अभी अपने दोस्त के घर पर आया था। आ रहा हूँ थोड़ी दे बाद।
इतना कहकर अंकित ने मुयः लटका कर बैठ गया। अंकित अपना पर्स मेरे सामने ककर्ते हुये कहने लगा। अंकित ने मुझसे कहाजितना मन करे उतना पैसा निकाल लो मेरे पर्स से। लेकिन आज रात तुम मेरे साथ मेरे घर पर चलो वहाँ पर भी कोई नही है।
मै और तुम होंगे वहां पर। मुझे उसके घर पर जाने में डर लग रहा था। मैंने ना बोल दिया।मै, अंकित तुम अपने घर जाओ। मै अपने दोस्त के यहाँ चला जाऊंगा, अंकित मै भी तो तुम्हारा दोस्त हूँ।
चलो मेरे घर मेरे साथ, मैं तुम्हारे पापा कुछ बोलेंगे तो अंकित कुछ नही बोलेंगे वो इस बात की पूरी गारंटी है मेरी,मै मान गया। अंकित ने अपनी गाड़ी निकाली और हम दोनों बैठकर उसके घर की तरफ चल दिए। अंकित एक शानदार बंगले के सामने अपनी गाड़ी खड़ी कर दी।
मैने कहाअपनी गाड़ी यहाँ क्यों रोक दी अंकित,” यार यही तो मेरा घर है” मैंने तो दांतो के नीचे अंगुली दबा ली। वाचमैन ने आकर गेट खोला। उसने नीचे अपनी गाड़ी खड़ी करके। मुझे अपने साथ अपने बंगले में चलने को कह रहा था।
मेरी तो इतने बड़े बंगले में घुसने से गांड फट रही थी।अंकित ने अंदर जाकर अपने पापा से मिलाया। मैंने नमस्ते किया।अंकित के पापा बोले,” बेटा क्या तुम्हारे हो घर पर थे। या कही अलग थे।
सही सही बताना,मैं अंकल ये तो मेरे ही घर पर बैठा मुझसे बात कर रहा था कि आपका फ़ोन आ गया। इसनें मुझे जबरदस्ती बुला लाया बोला यार तुम भी मेरे साथ चले चलो। आज मेरे पापा भी घर पर नही रहेंगे। अच्छा नहीं लगता”
तो मै भी इसी के साथ चला आया। अंकल ने कहा बहुत अच्छा किया। अब तुम लोग खाना खा लो। और सो जाओ। मुझे अपने काम से बाहर जाना पड़ रहा है। दो तीन दिन भी लग सकता है। तो तुम दोनों रात को यही आ जाना।
मैंने कहा ठीक है अंकल जी। अंकल वहाँ से चले गए। नीचे देख कर अपने पापा के निकलने का इंतजार कर रहा था। उसने गाड़ी को बाहर जाते देखकर बहुत खुश हो गया।अंकितस्मार्ट होने के साथ साथ बुद्धिमान भी हो |
मैंने कहाऔर नहीं तो क्या तुम्हारी तरह गांड मरवाता फिरता हूँ, इतना कहकर मैं हँसने लगा।अंकित ने पूंछा, बियर पीते होमैंने कहा बिलकुल पिता हूँ। अंकित ने बियर लेकर आया। मैंने इतना महंगा बियर पहली बार देखा था।
मैंने तो भाई 4 ही पैग मार लिया। लेकिन अंकित ने ज्यादा पी लिया। अंकित ने दरवाजा खिड़की सब बंद कर दिया। मैंने अपनी पैंट उतारी।मेरा पैंट उतरता देखकर अंकित मेरे पास आया। और मेरे लौड़े को पकड़ कर कहने लगा।
आज तो।अब मेरी गांड मारने से कोई नहीं रोक सकता। और इतना कहकर अपनी मुँह से सनी लियॉन की तरह “उ उ उ उ उ…अ अ अ अ अ आ आ आ आ….सी सी सी सी…ऊँ…ऊँ…ऊँ…” की आवाज निकालने लगा।
उसने मेरा लौड़ा पकड़ कर फिर से चूंसने लगते हैं। मैंने अपना लौड़ा इस बार उसके मुँह में गले तक घुसा रहा था। मेरा लौड़ा उसके मुँह में घुसते ही उसकी साँसे अटक जाती थी।
अंकित,” “…उंह उंह उंह..हूँ..हूँ…हूँ…हमममम अहह्ह्ह्हह…अई….अई…अई…” करने लगता था।अंकित की मुँह से अपना लौंडा निकाल कर मैंने अंकित को लिटा दिया।
अंकित ने अपना अंडरविअर और पैंट निकाल दिया।
मैंने उसकी गांड देखी। उसका लौड़ा था छोटा था। लेकिन उसकी गांड बहुत ही अच्छी लग रही थी। उसकी गांड पर आम मर्दो की तरह बाल नहीं थे। अंकित की गांड के आगे तो कोई लड़कियों की चिकनी चूत भी ना चोदे।
मैंने जैसा सोचा था उससे अच्छी गांड थी उसकी। मैंने भी देर ना करते हुए। अंकित की गांड चोदने को तैयार हो गया।अंकित ने कहा,” भाई इतने देर से इन्तजार कर रहा था। दो बार झड़ चुका है तू अब ना झड़ना। अबकी बार मेरी गांड अच्छे से मारना |
अंकित इतना कहकर अपने टांगों को फैलाने लगा। अंकित की गांड की छेद पर अपना लौड़ा रख कर दो तीन बार रगड़ा।अंकित की गांड में अपना लौड़ा घुसाने लगा। अंकित की गांड बहुत टाइट थी।
मेरा लौड़ा घुस ही नहीं रहा था। फिर थूक वाला आईडिया मुझे अंकित ने बताया। मैंने अपने लौड़े पर थूक लगाया। थूक लगा कर अपना लौड़ा मैंने अंकित की गांड में दाल दिया। लौड़े का टोपा ही अंकित की गांड में घुसा था।
अंकित की गांड की छेद फट गई। अंकित ने जोर से चिल्लाना शुरू किया “आ आ आ अह्हह्हह …ईईईईईईई …ओह्ह्ह्हह्ह….अई…अई..अई…अई…मम्मी….” की आवाज के साथ चिल्लाने लगा। मैंने अपना लौड़ा उसकी गांड में फिर से घुसा दिया।
लौड़ा घुसते ही उसकी चीखे बढ़ती ही जा रही थी। मैंने अंकित से कहा आराम से बोलो। मै धीऱे धीऱे डाल रहा हूँ। अंकित ने कहा दरवाजा खिड़की सब बंद है। कोई आवाज बाहर नहीं जायेगी।
मैंने अंकित की गांड में और जोर से अपने लौड़े को घुसाया। पूरा लौड़ा घुसते ही अंकित ने अपनी आवाज बढ़ा ली। उसने और जोर से “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ …ऊँ…ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा… ओ हो हो…” करने लगा।
मैंने अंकित की गांड में लौड़ा डाल डाल कर अच्छे से अंकित की गांड चुदाई करने लगा। अंकित भी अपना गांड उठा उठा कर चुदवा रहा था। अंकित की गांड कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद।
मैंने अंकित को झुका दिया। अंकित की कमर को पकड़ कर मैंने अंकित की गांड में अपना लौड़ा घुसा दिया। अंकित ने अपनी गांड आगे पीछे करके चुदवाने लगा। अंकित को बहुत मजा आ रहा था। मुझे भी लड़कियों की गांड मारने से ज्यादा मजा अंकित की गांड मारने में आ रहा था।
नशे में दोस्तों से गांड मरवाकर मजा लिया -Gay Sex Story in Hindi
मै अपना लौड़ा जड़ तक अंकित की गांद ने में डाल रहा था। अंकित भी अपनी गांड हिला हिला कर चुदवा रहा था। अंकित के मुँह से “आई….आई…आई….अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी…हा हा हा…” की चीख निकल रही थी।
अंकित को कुछ देर तक मैंने ऐसे ही चोदता रहा। अंकित भी मजे ले ले कर चुदवाता रहा। मै खड़े होकर उसकी गांड मार कर थक गया। अंकित को मैंने खड़ा किया। मै बिस्तर पर लेट गया।
अंकित ने मेरे लौड़े पर अपनी गांड़ सेट करके चुदने लगा। अंकित उछल उछल कर अपने आप की गांड चुदवा रहा था। अंकित ने अपना का लौड़ा भी उछल रहा था। अंकित अपने लौड़े की मुठ मार मार कर उछल उछल कर चुद रहा था। अंकित की गांड़ ने मेरे लंड का माल निकाल लिया।
मेरा लौड़ा मैक्ल निकालने को तैयार हो गया। मैंने अंकित को बताया। अंकित अपना मुँह मेरे लंड में लगा कर मेरा लंड मुठ मार कर चूसने लगा।मैंने अपना माल अंकित के मुँह में गिरा दिया। अंकित मेरा माल पी गया।
अंकित ने मेरा लंड चूसते हुए कहने लगा। पहली बार तुमने मेरी गांड की अच्छे से चुदाई की है। दो तीन दिन के पैसे एडवांस में ले लो और मेरी गांड़ मारने आ जाया करना।
जहां मै बोलूं। मुझे बहुत मजा आ रहा था। पैसे के पैसे मिलते थे। साथ में लंड की प्यास भी बुझ जाती थी। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स antarvasnastory.net.in पर जरुर दे।
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