गुलाबी फुद्दी चोदकर लाल की – Hindi Sex Story
Hindi Sex Story : नमस्कार दोस्तों , सबसे पहले आपको अपना परिचय दे दूँ| मैं सुमित हूँ आउटर मुंबई में रहता हूँ| अभी मेरी उम्र 24 साल की है, जोकि लगती नहीं है| मैं शरीर से सामान्य जैसा हूँ, ना दुबला, ना ही मोटा|
मेरी लम्बाई 5 फुट 10 इंच है, वजन 86 किलो है| मैं दिखने में हैंडसम हूँ| मेरी खेलों में काफी रुचि है और सेक्स में मैं एक तरह से कामातुर घोड़ा जैसा हूँ|यह मेरी पहली कहानी है| ये बात करीब 1 साल पहले की है|
मेरी एक लड़की के साथ बातचीत शुरू हुई| लड़की ने खुद से मुझ पर ऑफर मारा था| लड़की मस्त लगी, तो मैंने उसका ऑफर स्वीकार कर लिया| उसका फिगर 32-28-32 का रहा होगा|
उसकी लम्बाई साढ़े पांच फुट की थी, जो कि उसको काफी सेक्सी बना रही थी|हम दोनों में फोन नंबर का आदान प्रदान हुआ| हमारी बातचीत धीरे धीरे बढ़ती गई| उससे कभी कभार मिलना भी हो जाने लगा था|
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हम दोनों थोड़ा अच्छा समय साथ में बिताने लगे थे|जैसे जैसे हमारी बातें आगे बढ़ीं, बातें और भी मजेदार होने लगीं|उस समय स्मार्टफोन तो होता नहीं था, मेरे पास में सिंपल की-पैड वाला फ़ोन था|
फिर धीरे धीरे बातें फोन पर पप्पी सप्पी की होने लगी और बातों का सिलसिला बढ़ता गया|हम दोनों में सेक्स की बातें शुरू हो गईं| एक बार सेक्स की बात शुरू हुई, फिर तो ज्यादातर हमारा फ़ोन सेक्स होना शुरू हो गया|
फिर एक दिन उसे कहीं जाना था, उसने मुझे बताया|मैंने बोला, मैं तुम्हें वहां पर छोड़ आ जाऊंगा|उसने हंस कर हामी भर दी|उसके साथ जाने वाला दिन आ गया| मैं समय से बाइक लेकर पहुंच गया|
वो मेरे पीछे चिपक कर बैठ गयी और मैं चल दिया| गड्डों और स्पीड ब्रेकर्स के मजे लेते हुए हम दोनों अपने शरीर रगड़ने लगे|फिर मैं सुनसान रास्ते की तरफ लेकर चल दिया|
मैंने बाइक चलाते चलाते ही उसकी किस लेना चालू कर दिया| साथ ही उसकी चूचियों को दबा दबा कर मैंने फुला दिया, जिससे कि उसकी सीत्कार भी निकलने लगी| वो ‘आह| … आह|| अम्म दबाते रहो||’ कहने लगी|
जब भी कोई सामने से आता, तो हम सामान्य हो जाते| फिर मौका मिलते ही शुरू हो जाते| धीरे धीरे उसका हाथ मेरी पैंट पर आ गया और वो मेरे लंड को दबाने लगी|तभी मैंने सोचा कि इसको अपने शैतान (लंड) का दर्शन करा ही दिया जाए|
मैंने जगह देख कर पेशाब करने के बहाने से बाइक को रोका और उसी समय उसको शैतान के दर्शन करा दिए|लंड के दर्शन करते ही उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं|
फिर जैसे कि ज्यादातर हर लड़कियों वाला सवाल ‘ये बहुत बड़ा है, अन्दर नहीं जा पाएगा| मैं मर जाऊँगी, मैं नहीं ले पाऊँगी||’ आने लगा|मैंने उसे समझाया कि चुत एक अंधा कुआं जैसी होती है|
जो सब कुछ अपने अन्दर समा सकती है| लंड खाना तो छोड़ो, ये पूरी औलाद को बाहर निकाल देती है|उसकी समझ में आ गया कि लंड कोई ख़ास चीज नहीं होती … और मेरा मतलब हल हो गया|
लेकिन अब भी वो डर रही थी, जो कि लंड घुसने के बाद ही खत्म हो सकता था|मेरी उससे फिर से छेड़छाड़ चालू हो गयी| कुछ देर बाद उसकी मंजिल आ गयी| मैंने उसको उतार दिया| वो मुझसे 2-4 मीठी मीठी बातें बोल कर चली गयी|
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मुझे उसको छोड़ कर ही वापस आना था … उसको वहां कुछ दिन रुकना था|वापस आने के बाद भी मेरा उसके साथ फोन पर बातों का सिलसिला जारी रहा| साथ में मेरे लंड का डर भी उसके जहन में कायम था|
कुछ दिन बाद वो अपने किसी रिश्तेदार के साथ वापस आ गयी|हम ज्यादातर फ़ोन पर ही लगे रहते थे औऱ सेक्स की बातें करते रहते थे| मैं उसको इतना गर्म कर देता था कि उसको बस अपने चुदने का इंतज़ार हो गया था|
वो अपनी चुत में उंगली करने लगती और उंगली से ही रस निकाल कर शांत हो जाती|एक दिन मैंने उसको मिलने के लिए मना लिया| चुदाई के लिए जगह भी हो गयी, बाकी सारे इंतज़ाम भी हो गए| अब बस इंतज़ार था|
तो उस दिन का, जब उसकी जमकर चुदाई होनी थी|आखिर वो दिन आ ही गया, जिसका हमें बहुत इंतज़ार था| उस दिन वो खूब तैयार होकर आई| मस्त फिटिंग का काला सूट, लंबी चोटी, आंखों में काजल, पैरों में जूती |
एकदम मस्त कांटा बन कर आई थी … बिल्कुल हूर की परी लग रही थी|उसको देखते ही मुझे अक्षय कुमार का वो गाना याद आ गयाएक उच्चा लम्बा कददूजी सोनी तू हद रूप तेरा चम चम करदा नी|
मेरे मन में सिर्फ यही बात थी कि आज तो इसकी खूब अच्छे से लेनी है| उसने आते ही मुझे किस किया और हम दोस्त के घर के लिए निकल लिए, जहां पर हमें चुदाई का नेक काम करना था|
थोड़ी ही देर में हम दोनों पहुंच गए| वहां पहुंच कर मुझे ऐसा लगा, जैसे कि सदियों का इंतज़ार खत्म हो गया|अन्दर पहुंचते ही हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे, हमारे होंठों से होंठ मिल गए|
हमारी जीभ एक दूसरे की जीभ के साथ लड़ने लगीं और फिर हम फेविकोल के जोड़ की तरह चिपक गए|मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया और उसे जोर से जकड़ लिया| फिर धीरे धीरे उसकी कमर पर हाथ चलाने लगा|
जिसमें वो भी मेरा साथ देने लगी| वो मुझे इतने जोर से जकड़ने लगी, जैसे कि मुझे अपने समा लेगी|मैं धीरे से उसकी चूचियों को दबाने लगा, जिसके उसके मुँह से सिसकारियां निकलनी चालू हो गईं| फिर मैं उसकी गांड दबाने लगा|
चुत सहलाने लगा| धीरे धीरे छेद में उंगली करने लगा और वो मस्त होने लगी|आहहह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… और जोर से दबाओ … निचोड़ दो इन्हें चूस लो इन्हें … खा जाओ| … अब चोद दो मुझे … सहन नहीं होता|’
वो मेरे लंड को दबाने लगी| मैंने हल्का सा इशारा किया, तो उसने नीचे आकर पैंट की चैन खोल दी| अपने हाथ से लंड बाहर निकाल कर चूसने लगी|उसके लंड चूसने से मुझे ऐसा मजा आने लगा, जैसे पता नहीं मैं कहां आ गया होऊं|
फिर मैं भी जोर जोर से उसके मुँह को चोदने लगा| वो पूरे लंड को कभी गपागप मुँह में अन्दर तक लेती, तो कभी सुपारे तक लंड निकाल कर सुपारा चाटने लगती|फिर उसने मुझे बेड पर बैठा दिया औऱ मेरे कपड़े उतारने लगी|
मैं भी उसके कपड़े उतारने लगा| नंगी होकर वो मेरी गोद में बैठ गयी| मैं फिर से उसकी चूची चूसने लगा| उसके चूचों के निप्पलों को छेड़ने लगा|फिर मैं उसको उल्टा लेटा कर उसकी कमर पर किस करने लगा|
जिससे उसकी चुदास से भरी सिसकारियां निकलने लगीं| वो तड़पने लगी- आह अब तो चोद दो … आज मेरी फाड़ दो … आह मेरी चिकनी गुलाबी चुत को ठंडी कर दो … आह आज से ये तुम्हारी है|
मैंने कहा- डार्लिंग अभी तो शुरुवात है … अभी तो और तड़पाना है|मैंने नीचे की तरफ आकर उसकी चिकनी चुत का दीदार किया| चिकनी चूत को देख मेरी आंखों में चमक आ गई| सच में एकदम तर गुलाबी चुत थी|
16 साल की कमसिन कली की ठुकाई – Hindi Sex Story
बहुत कम देखने मिलती है, ब्लू फिल्म में भी ऐसी चिकनी गुलाबी चुत नहीं दिखती है| आज ऐसी चुत मेरे नसीब में होना, किसी चमत्कार से कम नहीं था|ताजमहल की तरह बेदाग़ चुत थी |
उसकी … जिसको मैंने उंगलियों से खोलने की कोशिश की| जो थोड़ी देर बाद खुली|उसके बाद मैंने उसकी चुत पर अपनी जीभ लगाई और चूत चाटने लगा| उसकी चूत पहले से थोड़ी गीली हो रखी थी|
उसकी चुत का स्वाद बड़ा ही अद्भुत आया| मैं उसकी चुत चाटता रहा और उसकी चुचियों को दबाने लगा| मैं कभी उसके मुँह में उंगली करने लगता| मैं उसकी चुत के अन्दर बाहर अपनी जीभ करता रहा|
इतना सुखद एहसास मुझे पहले कभी नहीं हुआ था|फिर हम दोनों 69 की पोजिशन में आ गए| वो मेरे लंड को गप से मुँह में लेकर चुसकने लगी और मैं उसकी चुत को चाटने लगा|
उसकी चुत में से भी रह रह कर हल्का नमकीन स्वाद वाला पानी बहने लगा … जिसे मैं चाटता रहा|थोड़ी देर चूत चटवाने के बाद वो अकड़ने लगी और निढाल हो गई| फिर मैंने वक़्त न गंवाते हुए उसको सीधा लेटा कर उसकी टांगें खोल दीं|
उसकी चुत एकदम गीली थी| मैं उसके ऊपर आ गया और अपना लंड उसकी चुत पर रगड़ने लगा| उसकी चुत किसी आग की भठ्ठी की तरह गर्म हो रही थी| ये सब उसके सहन से बाहर हो रहा था|
उसने खुद से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत के छेद पर लगा दिया और बोली कि अब इसे तुम मेरी चूत के अन्दर डाल दो| अगर मैं बाहर निकालने की भी बोलूं, तो बाहर मत निकालना| तुम बस जम कर चुदाई करते रहना|
मैंने अपना एक हाथ उसके कंधों पर रख लिया और दूसरे से लंड पकड़ कर अन्दर घुसाने लगा| जैसे ही थोड़ा सा जोर लगाया| हल्का सा ही लंड उसकी चुत में घुसा था कि उसकी चीख निकल गयी, आंखें फट गईं|
वो दर्द से कराहते हुए बोली कि बाहर निकाल लो इसे … ये नहीं जा पाएगा| बहुत बड़ा है … मैंने आज पेशाब करने के अलावा अपनी गुलाबो के साथ कुछ नहीं किया है|
मैंने बोला,जानेमन बिल्कुल आराम से डालूंगा,परेशान मत हो, अगर तुम्हें दर्द हो रहा है, तो मैं आगे नहीं डालूंगा|मैं ऐसे ही उसे बहलाता हुआ उसकी चुचियां दबाने लगा| कभी किस करने लगा|
धीरे धीरे जब वो शांत हुई, तो मैंने हल्का सा दबाव और लगा दिया| मेरा तकरीबन आधा लंड अन्दर चला गया औऱ उसी वक्त मैंने किस करके उसका मुँह बंद कर दिया| वो छटपटाई मगर मैं लंड को अन्दर बाहर करने लगा|
थोड़ी देर मैं सब सामान्य होने लगा और उसे भी मजा भी आने लगा| मैंने भी रेल की स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से धक्के मारने लगा| हर धक्के पर वो मेरा साथ देने लगी और वो सिसकारियां निकालने लगी|
वो बड़बड़ाने लगी- आह इस राजधानी एक्सप्रेस रेल को बुलेट ट्रेन बना लो, चोद दो मुझे … बिल्कुल भी रहम मत करो मेरी इस गुलाबो पर … इसको गुलाबो से लाली बना दो|
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मैं लंड को पूरी तरह अन्दर बाहर करने लगा, जिसमें हमें और ज्यादा मजा आने लगा| फिर दोबारा से अकड़ कर वो झड़ गयी|थोड़ी देर बाद में मेरा भी झड़ने का समय हो गया| मैंने उससे पूछा- कहां निकालूं?
तो उसने बोला,मैं इसे महसूस करना चाहती हूँ|फिर मैंने उसके अन्दर ही अपना वीर्य निकाल दिया| जैसे ही मैंने लंड बाहर निकाला, तो देखा कि वो खून में लाल हुआ पड़ा था| उसकी चुत में से भी खून टपक रहा था|
बेडशीट भी खून में हो गयी थी|ये सब देख कर थोड़ी सी घबराई, पर समझाने पर समझ गई|मेरे पूछने पर बोली- बहुत अच्छी फीलिंग आई … जब ये अमृत मेरे अन्दर गया, ये बहुत गर्म था तुम्हारी तरह|
दूसरे राउंड की बेला आई, तो उसे काफी देर एक पोजीशन में चोदने से बेहतर मैंने बदलना बेहतर समझा| मैंने उसे घोड़ी बनने के लिए बोला| वो घोड़ी बनने के लिए तैयार हो गयी|
मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसके हाथ में अपना लंड दे दिया|मैंने कहा,लगा दे रानी इसको अपनी गुलाबो के निशाने पर|उसने देरी न करते हुए उसने हल्का गीला करके लंड को चुत पर रख दिया |
अपनी गांड पीछे करकर पूरा लंड धीरे धीरे चुत में ले गयी|सच कहूँ तो घोड़ी बना कर चोदने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था| ये सही है कि घोड़ी बनाए बिना सेक्स करना अधूरा सेक्स है|
घोड़ी बना कर चोदने में उसकी चुत और भी ज्यादा टाइट लग रही थी| हम दोनों को एक अलग ही मजा आ रहा था|मेरा मन कर रहा था कि इसे ऐसे ही चोदता रहूं| धक्कों के साथ साथ उनकी चूतड़ों पर चाटें लगाने लगा|
जिससे उसकी गांड लाल हो गयी| फिर मैंने उसके लंबे बालों को पकड़ लिया और बिल्कुल घोड़ी की लगाम की तरह उसकी चोटी पकड़ कर घपाघप धक्के मारने लगा|
पहली बार घुड़सवारी कर रहा था, जिससे कि बहुत मजा आ रहा था|काफी देर तक घुड़सवारी करने के बाद हम दोनों फिर से डिस्चार्ज होने के करीब आ गए| थोड़ी देर में उसने अकड़ना शुरू कर दिया और बेजान सी होने लगी|
तब मैंने बोला- साली अपना तो निकाल लिया, मेरा भी निकलने वाला है| रुक जा … थोड़ी देर और घोड़ी बनी रह|
वो बोली- मेरे से अब नहीं हो पा रहा है| मैं मुँह में लेकर तुम्हारा निकाल दूंगी|
मैंने भी मौसम बिगड़ने से पहले जल्दी से उसके मुँह में लंड दे दिया| जिसमें बड़ा मजा आ रहा था| जब मेरा वीर्य निकलने को हुआ, तो मैंने उसको बताया|वो बोली,मैं इसका स्वाद चखना चाहती हूँ|और लंड चूसने लगी|
थोड़ी देर में मेरे शैतान ने जहर उगलना चालू कर दिया और वो बड़े मजे से सारा जहर पी गयी| उसने चाट चाट कर मेरा लंड भी साफ कर दिया| फिर हम दोनों फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चले गए|
सात दिन में प्रेमिका को पटा के चोदा – Hindi sex story
कुछ देर में हम दोनों नहा कर बाहर आ गए| हल्की चुम्मा चाटी करने के बाद हम दोनों ने साथ में लाया हुआ खाना खाया|फिर उसके घर जाने का समय हो गया| घर से निकलने से पहले एक जोर की हग और पप्पी दी|
उसने बोला- आज का दिन मैं ज़िन्दगी भर याद रखूंगी| आज से पहले कभी इतना सुखद अनुभव कभी नहीं हुआ, इतना मजा कभी भी नहीं आया|मैं उसे उसके घर के पास छोड़ आया| उसने जल्द मिलने का वादा किया|
उसके जाते समय देखा कि उसकी चाल थोड़ी बदल गयी थी, जिसे वो छिपाने की कोशिश कर रही थी|आज जो भी हुआ था, मजा बहुत आया| ज़िन्दगी का एक यादगार लम्हा था| मेरी भगवान से यही दुआ है कि ऐसा दिन रोजाना आए|
आगे की बातें आपसे फिर कभी बताऊंगा| तब तक अपने लंड और चुत को थाम कर बैठिए|मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताइएगा|
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