जवानी के जोश में मामा के बेटे से चुदवया -Bhai bahan sex story
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सपना है| मैं एक भरपूर जवान लड़की हूँ| मुझे हमेशा से ही सेक्स कहानी पढ़ने का और सेक्स करने का बहुत शौक है, मेरा दिल सेक्स करने में बहुत लगता है|
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी नयी कहानी भी पसंद आएगी, मेरा घर और मेरे मामा का घर दोनों नजदीक है| मैं आपको बता दूं कि मैं और मेरे मामा का लड़के का एक दूसरे का घर आना जाना रहता था|
मेरे मामा जी भी हमेशा से ही मुझे बहुत प्यार करते हैं, मेरे मामा का लड़का दीपक मेरा बहुत अच्छा दोस्त भी है.दीपकऔर मेरा हम दोनों का झगड़ा भी बहुत होता है और प्यार भी बहुत है
हम दोनों का एक दूसरे में बड़ा मन लगता था.दीपककभी कभी मुझे घूरता भी है क्योंकि मैं हूँ ही इतनी सेक्सी कि मुझे कोई भी घूर घूर कर देखने को मजबूर हो जाता है
मेरा रंग गोरा है इसलिए मैं बहुत ज्यादा सेक्सी लगती हूँ, मेरी चूची और गांड का आकार भी बहुत अच्छा है, जिससे मैं और भी ज्यादा सेक्सी और कामुक लगती हूँ| मुझे कभी कभी पड़ोसी लोग भी लाइन देते हैं, पर मैं उनको भाव नहीं देती हूँ|
सेक्स के प्रति मेरा अधिक रुझान होने के बावजूद भी मैं नहीं चाहती कि किसी पड़ोसी के साथ मेरा चक्कर चले, मैं सोचती थी कि यदि ये किसी को पता चल जाएगा, तो मेरी और मेरे परिवार की बदनामी भी हो सकती थी|
इसी कारण मुझे पड़ोसी लोगों से कोई मतलब नहीं रहता था. मुझे कोई ऐसा चाहिए था, जिससे मैं सेक्स भी कर लूं और ये बात किसी को पता भी नहीं चले|
अब मेरे करीब दीपक था, जिसके साथ मेरा अच्छा मेल मिलाप था, हालांकि पहले मैंने ये कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने मामा के बेटे के साथ सेक्स करूंगी, लेकिन जवानी की चुल्ल में ये सब हो गया|
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मैं और दीपक, हम दोनों जब भी घर में अकेले रहते थे तो हम एक दूसरे से खूब बातें करते थे. हम दोनों का प्रिय खेल एक दूसरे से पंजा लड़ाना होता था,पर जब खेल खेल में मैं उससे हार जाती या वो मुझसे हार जाता तो हम दोनों धींगा मुश्ती करने लगते थे|
जिसमें छीना झपटी भी शामिल थी. एक दूसरे से लड़ना हम दोनों को ही पसंद था, शायद इससे होने वाली शारीरिक रगड़ मुझे काफी सुख देती थी|
वो मुझसे झगड़ा करते करते मेरी चूची को दबा देता था और मैं ये देख कर उससे थोड़ा गुस्सा करती थी, लेकिन मुझे भी मजा आता था. मेरे मामा के लड़के को भी समझ आ गया था कि जब वो झगड़ा करते में मेरी चूची दबाता था, तो मुझे भी मजा आता था इसलिए वो जानबूझ कर मेरी चूची बार बार दबाता था|
हम दोनों के बीच एक दूसरे को छेड़ना आम बात हो गयी थी| हम दोनों भी बहन आए दिन एक दूसरे को छेड़ा करते थे, इससे हुआ ये कि मैं और दीपक दिन पर दिन जिस्मानी तौर पर एक दूसरे से करीब आते गए, अब हम दोनों धीरे धीरे जवान भी हो गए थे जिसकी आग हम दोनों को ही लगने लगी थी|
मैंने एक दो बार ध्यान भी दिया था कि जब मेरे दीपक मुझे घूरता था, तो उसका लंड उसकी पैन्ट में खड़ा हो जाता था, मुझे ये बात पता चल गयी थी कि वो मुझे हवस भरी नजरों से देखता था, साथ ही इन दिनों उसका मेरे घर आना जाना थोड़ा ज्यादा हो गया था|
वो घर आते ही मुझे अकेला पाते ही किसी न किसी बहाने से वो मुझे छेड़ता था. बल्कि यूं कहूँ कि उसके आते ही मैं उसे अपने कमरे में ले जाती थी, जहां हम दोनों ही अकेले रह जाते थे, हम एक दूसरे से काफी हंसी मजाक करते रहते थे, जिसमें अब व्यस्क जोक्स भी हिस्सा बनने लगे थे|
एक दिन हम दोनों घर में अकेले थे और एक दूसरे से बातें करते करते हम दोनों लोग सेक्स वाली बातें करने लगे,दीपक मुझसे पूछने लगा कि तुम्हारी सहेली का कोई ब्वॉयफ्रेंड है |
उसके बाद वो मेरे बारे में भी पूछने लगा कि मेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड है.मैंने उससे पूछा- पहले तुम बताओ कि तुमने किसी को पटाया है या नहीं? इस तरह हम दोनों लोग एक दूसरे के बारे में खुल कर पूछने लगे|
उस दिन हम दोनों ने काफी देर तक एक दूसरे से खुल कर बात की और उस दौरान उसने मेरे हाथ को अपने हाथ में लेकर सहलाया, मुझे भी उसके साथ मजा आने लगा तो मैं उसकी गोद में सर रख कर लेट गई, वो मेरे गालों को सहलाता रहा इसके बाद मेरे दीपकअपने घर चला गया|
अब वो रोज मेरे घर आता था, तो हम दोनों की रोज एक दूसरे से इसी तरह की बात होती थी, मैंने उसके जाते ही अन्तर्वासना की भाई बहन वाली सेक्स स्टोरी पढ़ी तो मुझे अपनी चूत में आग लग गई और मुझे उसके साथ सेक्स करने का मूड बनने लगा|
एक दिन मेरे घर में कोई नहीं था, चूंकि मुझे रात को अकेले रहने में डर लगता है और मेरे घर वाले देर रात तक आने वाले थे, इस वजह से मेरेदीपकरात को मेरे साथ रहने के लिए आ गया था|
मेरे घर वालों को आने में ज्यादा रात होने वाली थी इसलिए आज मैंने मूड बना लिया था कि सब कुछ सही रहा तो इससे चुद लूँगी, हम दोनों ने अपने लिए बाहर से खाना आर्डर किया था|
खाना खाने के बाद दोनों मेरे बेडरूम में सोने चले गए. हम दोनों भाई बहन एक ही बिस्तर पर लेट गए थे, मैंने अपनी आंखें बंद कर ली थीं,दीपक बार बार मुझे छूने की कोशिश कर रहा था|
मैं भी गर्म हो रही थी, लेकिन मैं सोने का नाटक कर रही थी, मैं सोने का नाटक किये हुए थी और ऐसे दिखा रही थी जैसे मुझे उसके छूने का कोई अहसास ही नहीं हो रहा है|
वो मुझे सोया हुआ समझ कर मेरी जांघों को सहलाने लगा, इससे मेरे बदन में एक अजीब सी सिहरन होने लगी, सच में जब दीपक मेरी जांघों को हल्का हल्का मसल रहा था, तब मुझे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था|
वो धीरे धीरे मेरी सलवार के ऊपर से मेरी चूत को सहलाने लगा, मुझे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, लेकिन मैं फिर भी सोने का नाटक किये पड़ी हुई थी|
मेरी तरफ से कोई विरोध न पाकर उसकी हिम्मत बढ़ गई और वो मेरी चूत को सहलाने लगा, मेरी चूत से पानी निकलने लगा था| मैं पूरी तरह से गर्म हो गयी थी.मेरी चूत को सहलाने के बाद वो मेरी कुर्ती के ऊपर से मेरी चूची को दबाने लगा, वो मेरी चूची को हल्का हल्का दबा रहा था|
जिससे मुझे बहुत कामुकता वाली फीलिंग आ रही थी| मुझे अब पूरी तरह से सेक्स करने का मन कर रहा था| शायद दीपक मुझे गर्म करना चाह रहा था|
मुझे कुछ देर के बाद अपने मामा के बेटे का लंड महसूस हुआ| मैंने महसूस किया कि वो अपना लंड मेरी गांड में दबा रहा था,मैंने हल्की सी सिसकारी ली, तो उसको पता चल गया कि मैं भी गर्म हो गयी हूँ और मैं भी मजा ले रही हूँ|
अब उसने बेख़ौफ़ होते हुए मेरी सलवार को निकाल दिया. मैंने भी अपनी गांड उठा कर अपनी सलवार निकालने में उसकी मदद की. उसके बाद उसने मेरी पैन्टी को भी निकाल दिया|
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मैं बिना कुछ बोले उसका साथ दे रही थी. हम दोनों लोग बिना एक दूसरे से कुछ बात किये एक दूसरे के कपड़े निकाल रहे थे. अब उसने मेरी कुर्ती को भी निकाल दिया और मेरी ब्रा भी खोल दिया|
इस वक्त मैं अपने मामा के लड़के के सामने नंगी पड़ी थी, वो उठ कर मेरी टांगें खोल कर मेरी चूत को चाटने लगा. मैं भी चूत चाटे जाने से एकदम मस्त हो उठी और मादक सिसका सपना लेने लगी,दो ही मिनट में वो मेरी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा था|
मैं भी मदहोश होकर उससे अपनी चूत चटवा रही थी| हम दोनों चुदाई करने के लिए गर्म हो गए थे, दोनों चुदाई की वासना में डूब गए थे|
दीपक मेरी चूत चाटने के बाद मेरी चूची को चूसने लगा, वो मेरी एक चूची को दबा रहा था और दूसरी चूची को चूस रहा था,मेरी चूची में उसके जोर से दबाए जाने से हल्का दर्द हो रहा था |
क्योंकि वो मेरी चूची को बहुत जोर से मसल रहा था| मेरी दूसरी चूची को जोर से चूसने के कारण भी मुझे मीठा दर्द सा होने लगा था, वो जिस चूची को चूस रहा था, मेरी उसी चूची को खूब चूसने के बाद संतरे जैसी गोल गोल चूची को अपनी हथेली में भर कर दबाने लगा, उसके चूची दबाने से मेरी चूची के निप्पल एकदम टाइट हो गए थे|
वो मेरी चूची को दबाने के बाद मेरे होंठों को किस करने लगा, मैं भी उसका साथ दे रही थी और हम दोनों लोग एक दूसरे को किस कर रहे थे,वो मेरे होंठों को किस करने के बाद मेरे पीठ को सहलाने लगा और उसके बाद वो मेरे गांड को मसलने लगा|
ये सब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, वो मेरे पीठ को सहला रहा था, तब मैं एकदम से चुदासी हो उठी थी. क्योंकि पीठ सहलाने से मेरी चूचियां उसकी छाती से दबने लगी थीं|
वो मेरी पीठ को सहलाने के बाद मेरे नाभि को अपनी जीभ से चाटने लगा, मैं पूरी तरह से मदहोश होकर बिस्तर पर पड़ी थी और मुझे जल्दी से लंड डलवाने का करने का मन कर रहा था|
माणिक मेरी चूत चाटने के बाद और मेरे पूरे जिस्म को चाटने के बाद उठ गया, मैं उसे देखने लगी,उसने अपना अंडरवियर निकाल कर मुझे अपना लंड हिलाते हुए दिखाया, उसका लंड देख कर मुझे सनसनी होने लगी, वो मुझसे लंड चूसने के लिए बोलने लगा|
पहले तो मैं उसका लंड अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी और उसके बाद उसका लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, कुछ ही पल बाद मैं उसका पूरा लंड मुँह से चूस रही थी, उसका लंड चूसने के बाद मैं उसको किस करने लगी, उसने भी मेरे होंठों को चूस कर खुद के लंड का स्वाद चख लिया था|
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अब हम दोनों लोग एक दूसरे की जीभ लड़ाते हुए किस करने लगे,मैंने उससे कहा- भाई, अब नहीं रहा जा रहा है, कुछ करो न!तो उसने मुझे बिस्तर पर चित लिटा दिया और अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा|
मेरी चूत पहले से ही मेरी चूत के पानी से भीग गयी थी, मैं अपने मामा के बेटे के सामने एकदम नंगी थी और वो भी मेरे सामने एकदम नंगा था|
उसने मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने के बाद मेरी जांघों को खोल दिया और मेरी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया जिससे मेरी चूत खुल गयी,उसने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया|
उसने लंड का सुपारा फंसते ही मेरी चूत में अपने लंड को डालते हुए एक करारा धक्का दे मारा, जिससे उसका आधा लंड मेरी चूत में चला गया, मेरी आह निकल गई|
लेकिन उसने मेरी आह की कोई परवाह नहीं की और वो मेरी चूत को लंड से चोदने लगा, मैं उसकी बेदर्द चुदाई से जोर जोर से चिल्लाने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह… क्योंकि मुझे बहुत दर्द हो रहा था,हालांकि वो मेरी चिल्लपौं सुनकर ठहर गया और फिर अपने आधे घुसे हुए लंड से मेरी चूत को धीरे धीरे चोदने लगा|
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जब मेरा दर्द कम हुआ, तो उसने अपने पूरे लंड से एक जोर से धक्का मारा, इस बार उसका पूरा लंड मेरी चूत में चला गया और वो अपना लंड मेरी चूत डाल कर मेरी चूत को चोदने लगा|
हम दोनों सेक्स करने लगे, मेरी चूत उसका पूरा लंड अन्दर ले रही थी और वो जोर जोर से धक्के मेरी चूत में मार रहा था, हम दोनों लोग एक दूसरे को चुदाई का मजा दे रहे थे|
वो मेरी चूत को चोद रहा था और मैं भी अपनी गांड उठा कर उसके लंड से चुदाई का मजा ले रही थी, वो कभी कभी अपना लंड पूरा बाहर निकाल कर मेरी चूत को चाट लेता था और उसके तुरंत बाद अपना लंड मेरी चूत में डाल कर मेरी चूत को चोदने लगता था|
उसके इस तरीके से मुझे अपनी चूत में बड़ी राहत सी मिल रही थी, साथ ही मेरी चूत का पूरा दर्द भी खत्म होता हुआ सा महसूस होने लगा था|
हम दोनों लोग मदमस्त होकर सेक्स कर रहे थे,हम दोनों लोग सेक्स करते करते पसीने से भीग गए थे,जब वो मेरी चूत चाटने के लिए लंड बाहर निकालता, तो मैं भी उसका लंड चूस लेती थी|
वो इस प्रक्सपना में लंड निकालने के साथ ही मेरे मुँह की तरफ लंड कर देता और अपना मुँह मेरी चूत पर लगा देता था| इस तरह वो भी मेरी चूत चाट रहा था|लंड चूत को दो पल तक चाटने चूसने के बाद हम दोनों फिर से चुदाई करने में लग जाते थे|
मेरी चूत पर थोड़े थोड़े बाल थे, जिससे उसके चूत चूसते समय उसको मेरी रेशमी झांटें और भी मजा दे रही थीं, उसको मेरी चूत और भी सेक्सी लग रही थी, चुदाई के दौरान चुसाई का मजा लेना एक अलग अनुभव था|
दस मिनट बाद मेरे दीपकअपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल कर मेरी चूची को चूसते हुए और मेरे होंठ को चूसते हुए मेरी चूत को बड़ी बेरहमी से चोदने लगा था, मेरे मामा के लड़के ने मुझे बहुत देर तक चोदा और उसके बाद हम दोनों का पानी निकल गया, जब हम दोनों लोग का पानी निकल गया तो हम दोनों शांत हो गए थे|
फिर हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर किस करने लगे, एक दूसरे को किस करने के बाद बांहों में बांहें डाल कर सो से गए और आराम करने लगे|
हम दोनों को सेक्स करते करते बहुत रात हो गयी थी,तभी मम्मी का फोन आया, उन्होंने मुझसे बीस मिनट में आ जाने का बताया,साथ ही दरवाजे खोलने के लिए उठने का कहा|
मुझे इस फोन से जानकारी हुई कि अब मेरे घर वाले आने ही वाले हैं, मैंने अपने ममेरे भाई को उठाया और हम दोनों ने जल्दी से अपना अपना कपड़े पहन लिए, मैंने बेडरूम को ठीक कर दिया|
हम दोनों उठ कर टीवी देखने लगे, मेरे घर वाले कुछ देर के बाद घर आ गए, उसके बाद दीपक भी रात को मेरे घर रुका रहा था, वो सुबह अपने घर चला गया|
हालांकि हम दोनों उस रात दुबारा चुदाई नहीं कर पाए क्योंकि मेरे साथ मेरी मम्मी मेरे बेडरूम में ही सोती हैं,इस वजह से दीपक दूसरे रूम में सोया हुआ था|
इस घटना के बाद हम दोनों घर में मौका मिलते ही घर में सेक्स कर लेते हैं या होटल में जाकर सेक्स का मजा ले लेते हैं, हमारी कोशिश रहती है कि हम दोनों ज्यादातर घर में ही सेक्स का मजा ले लें|
आप सबको मेरी ये भाई से चुदाई की कहानी कैसी लगी,आप सब अपने विचार मुझे जरूर बताएं| आप सबके कमेंट से ही मुझे पता चलेगा कि आपको मेरी मस्त जवानी की कहानी कितनी अच्छी लगी, मैं आपके कमेंट का इंतजार करूंगी|