पापा ने 8 इंच के लंड से मेरी चूत फाड़ी- Baap Beti Ki Chudai
हेलो दोस्तो! कैसे हो आप सब?उम्मीद करती हूँ आप सब मज़े कर रहे होंगे!आज मै जो कहानी आपके लिए लेकर आई हूँ वो मेरे और मेरे पापा से हुई चुदाई की कहानी है। इस कहानी को पढ़कर आपके लंड और चूत मे पानी आ जाएगा। चलिये कहानी शुरू करते है!
मेरा नाम पिंकी साहू हैऔर मेरे पापा का नाम उमेश साहू है,जब मै 4 साल की थी तभी मेरी माँ की डेथ हो गयी। उसके बाद पापा ने दूसरा शादी भी किया लेकिन उनका दूसरा शादी 2 सालो तक ही चला।
उसके बाद दूसरी माँ अपने यार के साथ भाग गयी, उसके बाद पापा ने शादी नहीं और मेरे से प्यार करने लगे, जब मै 10 साल की हुई तभी से पापा मुझे पर ज्यादा नज़र रखने लगे, क्युकी उस समय मेरे बदन ने खिलना शुरू कर दिया था।
वह हमेशा मुझे अपने पास ही रखते, मुझे अपने हाथो से खिलाते, नहलाते और कपडे पहनते और कपडे भी उन्ही के पसंद थे, धीरे धीरे मैंने खाना बनाना भी सीख लिया,जब मै 14साल की हुई तब तक भी पापा मेरे साथ ही सोते थे और मेरे छोटे छोटे उभरते चूचियों पर अपना हाँथ घुमाने लगते थे,तब मुझे लगता था|
पापा मुझे प्यार कर है और रात को सोते समय मेरे होंठो पर गुड नाईट किस कर मुझे कसकर पकड़ कर सो जाते,फिर सुबह पापा और मैं उठते,मैं पापा के लिए खाना बनाने लगती, तभी पापा की आवाज़ बाथरूम से आती और मैं अपने कपडे लेकर पापा के साथ नहाने लगती|
पापा पहले मेरी कमीज़ निकालते फिर मेरी मुझे नीचे से नंगा करते और जब मैं उनके सामने कच्छी मे आती तो पहले पापा अपने हाथ मेरी कच्छी में डाल के मेरी चूत की सहलाते,, फिर एक झटके में मेरी कच्छी उतार देते और पापा मेरे ऊपर पानी डाल कर मेरी चूचियों पर साबुन लगाने लगते|
धीरे धीरे नीचे जाकर मेरी टांगों को खोलकर बीच में साबुन डालकर मसलने लगते,”ऐसा करने से जब मेरी थोड़ी की सिसकियाँ निकलती तो पापा कहते बहुत मैल जमा हो गया है
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,उसके बाद पापा अपना पजामा निकालते और मेरे हाँथ में अपना बैठा लंड थमा देते, जिसपर मै साबुन लगा लगा के मैल निकालने लगती जिससे उनका लंड 8 इंच लम्बा हो जाता था,जिसे देखकर मेरे मन में यही सवाल उठा था की यह खड़ा क्यों हो जाता है,
जब पापा से ये सवाल करती तो पापा बात को कल बताऊंगा कहके टाल देते,फिर हम नहा कर बाहर निकालते और पहले पापा मुझे कपडे पहनाते,जब पापा मुझे कच्छी पहनाते तो उनका 8 इंच लम्बा लंड हवा में झूमने लगता जिससे देख कर पता नहीं मेरा मन क्यों ललचाने लगता|
फिर पापा अपने कपडे पहनकर काम पर चले जाते और जाते वक़्त मुझे घर में रहने का हुकुम देते, मेरे होठो की लम्बी चुम्मी लेकर चले जाते,जब शाम को पापा आते तो मैं कुछ भी कर रही होती हूँ तो मुझे वही से अपनी गोद में उठा कर बिस्तर पर पटक कर मेरी गर्दन को चाटने लगते। फिर उसके बाद अपने काम की बाते मुझे बताते की उन्होने काम पर क्या क्या किया, फिर मैं खाना बनाने लगती और फिर खाना खाके मैं और पापा सो जाते,
देखते देखते मैं बड़ी हो गयी और मेरा बंदन भी इतना खिल गया था की 28 नंबर की ब्रा भी अब मुझे 34 नंबर की आने लगी थी, मेरा बदन पूरी तरह से भर गया था यह यूँ कहो मैं पूरी तरह से जवान हो गयी थी, जिसे देख कर मेरे पापा अपना तम्बू बनने से नहीं रोक पाते थे|
20 साल होने के बाद भी मैं पापा के लिए अभी भी छोटी बच्ची ही थी, अभी भी पापा ही मुझे खिलाते और सुबह सुबह नहलाते,अपने हाथों से कपडे पहनाते और पापा के साथ ही सोती,इतने सालो मे कुछ भी नहीं बदला था, बदलाव आया था तो बस उनके प्यार करने के तरीके में, पापा मुझे और ज्यादा प्यार करने लगे थे, और मेरे साथ ज्यादा समय बिताने लगे थे|
सुबह सुबह जब मैं और पापा नहाते तो पापा का लंड मेरी चूत को छूने लगता, कभी कभी जब पापा को ज्यादा प्यास लगती तो पापा मेरी चूत को चाट चाट के मेरे अंदर से पानी निकाल कर पी लेते, ब मुझे जूस पीने का मन करता तो पापा अपना लंड मेरे मुँह में डाल देते, और सच में उनका जूस बहुत ही टेस्टी भी होता,
एक रात जब मैं और पापा खाना खा के टीवी देखने बैठे और टीवी पे बेबी डॉल गाना बजने लगा,जिसे देखकर पापा का मन मचल उठा और टीवी बंद कर के हम सोने चले गए,करीब रात के 2 बजे मेरी चूचियों पर किसी के हाँथ पड़े और मेरी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगे जिससे मेरी आंखे खुली।
मैंने देखा तो वह पापा का हाँथ था, जब मैं पापा की तरफ देखने लगी तो पापा मेरे होंटो को अपने होंटो से कसकर दबाकर चूसने लगे। और अपने एक हाँथ से मेरी कमीज़ के अंदर हाँथ डाल कर मेरी चूचियों को मसलने लगे। मेरे निप्पल को काटने लगे जिससे मुझे दर्द होने लगा|
फिर मेरे होंटो को चूमते चूमते पापा मेरे ऊपर आ गए और दोनों हाथो का जोर लगा के मेरी कमीज़ फाड़ दी, फिर वह मेरी चूचियों को ब्रा के ऊपर से जोर जोर से मसलने लगे, थोड़ी देर बाद पापा ने मेरे होंठो को आज़ाद किया लेकिन पापा अभी भी मेरी ऊपर चढ़े हुए थे|
मैं पापा से कुछ कह पाती उससे पहले पापा मेरे चेहरे को पागलो की तरह चूमने लगे और बोले मेरी रानी तू तो कमाल हो गयी है, ये कहकर मेरा उन्होने मेरा पूरा चेहरा गीला कर दिया|
फिर पापा मेरे ऊपर से उठे और मुझे बेड पे से खड़ा किया,और मेरी पलाजो को खोल कर नीचे गिरा कर मेरी नाभि में अपनी जीब डाल कर चाटने लगे, पापा के ऐसा करने से मैं मदहोश हो गयी और कुछ कहने की बजाये आहें भरने लगी, और उनके सर को अपने पेट पर दबाने लगी|
मेरी नाभि को चाटते चाटते पापा ने मेरी चूत को कच्छी के ऊपर से ही चाटकर गिला कर दिया, उसके बाद पापा ने कच्छी को अपने हांथो से मेरे शरीर से टांगो के रास्ते अलग कर के फेक दिया
मेरी बालो भरी चूत को पापा पागलो की तरह चाटने लगे और मै मदहोशी के सागर में डूबकर पापा का साथ देने लगी, जब जब पापा अपनी जीभ को मेरी चूत पर फेरते तब तब मेरे मुँह से कामुकता भरी आवाज़े निकलती।
वह साथ साथ अपने हाथो से मेरी गांड मसलने लगे, चूत चाटने में पापा और चटवाने में मैं दोनों इतने पागल हो गए, मुझे पता ही नहीं चला की मेरा पानी निकलने वाला है,
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जब अचानक मेरी चूत ने पानी छोड़ा तो मेरे मुँह से आहहाहा आहहाहा की आवाज़ निकली,, और मेरी चूत का पानी झड़ा और पापा के मुँह में गिरा जिसे पापा मज़े से पी लिए|
फिर पापा खड़े हुए और मेरी चूचियों को ब्रा से अलग कर मुझे बेड पर गिरा कर मुझे टांगों से पकड़ कर अपनी तरफ खींच कर अपने पाजामे से लंड निकालकर और मेरी चूत पर थोड़ा रगड़ कर सीधा चूत में घुसा दिया।
मेरे मुँह से चीखें निकलने लगी। पापा मेरी आवाज़ सुनकर बोले ,,“थोड़ी शांति कर शांति थोड़ी देर में आह की आवाज़ अहःअहः में बदल जाएगी,”फिर उसके बाद पापा ने अपने लंड के दूसरे धक्के के साथ अपना एक हाथ मेरे मुँह पे रख दिया और अपनी स्पीड तेज़ करते चले गए, शुरू शुरू में तो मुझे लगा जैसे में मर ही जाउंगी|
लेकिन थोड़ी देर बाद मुझे ऐसा लगा जैसे मै जन्नत में हूँ, और अब जैसे ही पापा धक्का लगाते मै पापा का साथ देने के लिए आह अहा की आवाज़े निकालने लगी। फिर थोड़ी देर बाद पापा ने मेरी चूत में से लंड निकाला और मेरी एक टांग अपने कंधे पर रख कर लंड को अंदर बाहर करने लगे|
बीच बीच मे वह मेरी चूत पर थूक कर अपने रफ़्तार बढ़ा देते, करीब 20 मिनट की धुंआधार चूत चुदाई के बाद पापा ने मुझे बेड पे घोड़ी बना कर पीछे से लंड मेरी गांड में गुसा कर मेरी गांड मारने लगे|
वह अपने दोनों हाथों को मेरे कंधों पर रखकर जोर जोर से धक्के मारने लगे, बीच बीच में मेरी चूचियों को मसलने लगते और निप्पल को काटने लगते, जैसे चारो तरफ अहहहहहहह ऊऊह्ह्ह आहाः हाही इहेहेहे उहहुहिहहु आहः अहहहहह अहहहहहह के साथ साथ फच फच फच की आवाज़ें गूंजने लगी|
और ऊपर से बेड के हिलने की आवाज़ें भी आने लगी, 8 इंच के लोडे से चूत और गांड मारने के बाद जब पापा ने अपना लोड़ा मेरे मुँह के सामने रखा तो मैंने उसे झट से अपने मुँह में लपक लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी|
लंड पर लगा मेरी चूत का माल जब मैंने चाटा तो मैं पागल हो गयी, फिर जैसे पापा के लंड से जूस निकलने वाला था, पापा ने झट से लंड को मेरे मुँह से निकालकर मेरी चूत के अंदर घुसा कर छोड़ दिया, करीब 5 मिनट तक पापा ने लंड को मेरी चूत में रखा और लंड निकालने के बाद मेरी बेड से उठने तक की हिम्मत नहीं हुई और मैं बेड पर नंगी ही सो गयी|
फिर अचानक सुबह 7 बजे मैंने अपने पापा का हाथ अपनी चूत पे महसूस किया,और फिर जैसे ही पापा ने मुझे होश में आता देखा,ज्यादा देर न करते हुए पापा ने 8 इंच लम्बा लंड फिर मेरी चूत में घुसा दिया और धक्को की शुरुआत कर दी|
इस बार चुदाई का दौर थोड़ा लम्बा चला और पापा ने लंड का पानी इस बार भी मेरी चूत में ही छोड़ा, उसके बाद पापा मुझे बाथरूम अपनी गोद मे उठा कर ले गए और वहाँ पर पापा ने अपना लंड मुझे चुसाया और अपने लंड के जूस से मेरा मुँह भर दिया, जब हम बाहर निकले तो मैं सीधा बेड पे पड़ गयी पापा काम पे निकल गए|
और फिर उनका प्यार हर रोज़ मेरी यही हालत करता, तो दोस्तो आपको मेरी ये स्टोरी कैसी लगी कमेंट करके ज़रूर बताना।
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