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बड़े घर की लड़की लंड और शराब की प्यासी – Antarvasna sex story

जमाना बहुत बदल गया है और मैं भी बदल गई हूं। आज मैं आपको एक ऐसी कहानी antarvasnastory.net.in पर सुनाने वाली हूं जिसको सुनकर आपका लंड तो खड़ा होगा ही, पर आपको यह भी पता चल जाएगा कि आजकल लोग क्या कर रहे हैं |

लड़कियां क्या कर रही है लड़कियों को क्या करना चाहिए। मैं अपने उम्र से करीब 15  साल बड़े आदमी के साथ रोजाना हमबिस्तर होती हूं शराब पीते हो और अपने वासना की आग को बुझाती हूँ।

आज मैं आपको अपनी पूरी कहानी जहां पर लिख रही हूं call girls in Patna  ताकि आप लोग भी इंजॉय करें मेरी कहानी को। मैं मुंबई में रहती हूं आमिर  फैमिली से हूं मैं अपने जीजाजी और दीदी के साथ रहती हूं|

मुझे एक ऐसे इंसान पर दिल आ गया या सच पूछिए तो उनका लंड पसंद आ गया इस वजह से मैं रोजाना उनसे अपने हवस मिटाती हूं। मैं देखने में हॉट और सेक्सी लड़की हूं मेरी उम्र 22  साल है|

मेरे मम्मी और पापा दोनों इसी शहर में रहते हैं और मैं अपने दीदी जीजाजी के साथ रहती हूं जैसा कि मैंने आपको पहले भी बताया। दीदी जीजाजी तो रोजाना एक दूसरे को खुश करते रहते हैं पर मैं प्यासी प्यासी घर में रह जाती थी।

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बड़े घर की लड़की लंड और शराब की प्यासी -  Antarvasna sex story

दीदी और जीजाजी जब सेक्स संबंध बनाते हैं तो मेरी दीदी बहुत जोर जोर से चिल्लाती है क्योंकि वह बहुत ही ज्यादा सेक्सी है जीजा जी का लैंड छोटा है इस वजह से और जोर से और जोर से कहते रहती है और यह मेरे कानों तक आवाज गूंजता है फ्लैट में तो पता है आपको।

चुदाई वह दोनों करते हैं और चूत मेरी गीली होती है। मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और फिर हमारे ही फ्लैट के नीचे वाले फ्लोर पर एक भैया लगते हैं उनको भैया बोलते हैं उनके घर आना जाना है तो मैं भी जाती हूं।

असल में वह अकेले रहते हैं क्योंकि उनकी बीवी छोड़कर चली गई है उनको। मेरे जीजाजी दीदी उनके हजब जाते हैं तो पार्टी बनती है मन की बात होती है तो मुझे भीउनके बारे में अच्छे से पता हो गया कि वह कैसे इंसान हैं इस वजह से मैं उनके करीब आ गई। यह सब कैसे हुआ अब मैं सीधे-सीधे कहानी पर आती हूं।

 

1 दिन की बात है मेरे जीजाजी और दीदी दोनों कोलकाता गए हुए थे तो मैं यही पर रह गई थी। 1 दिन रात के करीब 8:00 बजे नीचे वाले भैया का फोन आया उन्होंने मुझे बुलाया प्याज आवाज नहीं खाना खा लेना मैं चिकन बनाया हूं।

तुम मुझे भी लगाकर चलो अच्छा है नीचे ही जाकर खा लेती हूं क्योंकि उस दिन मैं जोमैटो से मंगाने वाली थी। उनके हमें 8:30 बजे तक तैयार हो कर चली गई वह भी चिकन बना ही रहे थे |

वहीं पर बैठ गई उन्होंने प्लेट में तीन-चार चिकन का पीस निकाला और पेग बनाया उनको पता था कि मैं पीती हूं। हम दोनों चिकन का स्वाद ले लेकर शराब के घूंट पी पीकर एक दूसरे को अपने अपनी बात शेयर कर रहे थे।

एक से शुरुआत हुई और हम लोग करीब 40 पेग पी गए। जब इंसान ज्यादा शराब पी लेता है तो खाना भी नहीं खाया जाता है इस वजह से अब खाने की इच्छा नहीं हो रही थी हम दोनों मिलकर सारे चिकन को ऐसे ही खा गए।

बाद में आधी आधी रोटी लिए फिर खाए। मैं नशे में थी वह भी नशे में थी उस दिन में सेक्सी कपड़े पहने थी इस वजह से उनकी आंखें दोनों चुचियों पर था। पर मुझे अच्छा लग रहा था |

मुझे लग रहा था कि आज मेरे साथ कुछ ऐसा हो जिसकी गर्मी शांत हो जाये। और यही से शुरुआत हो गई हम दोनों के बीच नए संबंध की। हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गए।सबसे पहले वह मेरे पास आकर मेरे होंठ को अपनी उंगलियों से छुआ। फिर अपना हाथ मेरे दोनों स्थल पर रखा मेरी चूचियां बड़ी बड़ी और टाइट है मैं गोरी चिट्टी लड़की हूं।

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बड़े घर की लड़की लंड और शराब की प्यासी -  Antarvasna sex story

धीरे-धीरे मेरी चूचियों को दबाने लगे मैं कामुक होने लगी मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी मेरी आंखें लाल होने लगी और मैं अपने आप को रोक नहीं पाए और अपना होंठ उनके होंठ पर रख दिया और फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे एक दूसरे के होंठ को चूमने लगे।

मेरी चूत गीली हो चुकी थी अब मुझे उनका लंड चाहिए था उन्होंने मुझे बेडरूम में आने के लिए कहा मैं बेडरूम में चली गई उन्होंने सबसे पहले मेरे सारे कपड़े उतारे पीछे से ब्रा का हुक खोला। और मुझे अपने बेड पर लिटा दिया।

मैं दोनों टांगों को फैला दी वह मेरी टांगों के बीच में आकर मेरे चूत को निहारते हुए ऊपर आए और मेरे दोनों चुचियों को दबोच लिया एक चूची को दबोच रहे थे दूसरे को अपने मुंह में लेकर निप्पल को दांतो से काट रहे थे।

मेरे मुंह से आह आह की आवाज निकल रही थी मेरी आंखें आधी बंद हो रही थी मेरे होंठ सूख रहे थे मैं अंगड़ाइयां लेने लगी थी चूत गीली हो गई थी। उन्होंने मेरे होंठ को चूमते हुए चुचियों को दबाते हुए|

नीचे पहुंचे दोनों पैरों को अलग अलग किया और मेरे चूत में उंगली डालकर माल निकाला गरम-गरम और वह चाटने लगे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था धीरे-धीरे वह अपना जीभ लगाकर चूत को चाटने लगे मैं नीचे से होले होले झटके देने लगी।

मेरे से रहा नहीं गया मैंने तुरंत ही उनका लंड पकड़ कर अपने मुंह में ले ली और चूसने लगी वह लेट गए मैं ऊपर से उनके लंड को लेकर मुंह में चूस रही थी वह मेरी चुचियों को कभी छूटे कभी मेरे पीठ पर हाथ फेरते कभी मेरे होंठ को छूते कभी मुझे बाहों में लेकर झूमने लगते।

मुझे उनका लंड मुंह में लेना बहुत अच्छा लग रहा था 5 मिनट तक मैं आइसक्रीम की तरह उनके लैंड का आनंद लेने लगी। और फिर क्या बताऊं दोस्तों मेरे से रहा नहीं गया मैं लेट गई और उनको आमंत्रित किया अपने ऊपर।

उन्होंने मेरे दोनों पैरों को अलग-अलग या मेरे चूतड़ के नीचे तकिया लगाया अपना मोटा लंड मेरी चूत के छेद पर रखकर जोर से घुसा दिया। इसके पहले मैं एक बार और चुद चुकी हूं और बैगन रोजाना डालती हूं|

वजह से उनका लंड आराम से मेरी चूत के अंदर चला गया था। मैं गांड गोल गोल घुमा घुमा कर उनके मोटे लंड अपनी चूत के अंदर ले रही थी ऊपर से धक्के देते मैं नीचे से गोल गोल घुमा थी|

वह मेरी चूचियों को मसलते मैं उनके दोनों हाथों से पकड़कर अपनी चूत में धक्के दिलवा दी। जोर-जोर से वह मुझे चोद रहे थे मैं गोल गोल घुमा कर उनके मोटे लंड को अपने अंदर ले रही थी हम दोनों को ही बहुत मजा आ रहा था।हम दोनों ही पसीने पसीने हो गए थे जबकि चल रहा था। उसके बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बना दिया घोड़ी बनाकर पीछे से लंड चूत में डालकर मेरे चूतड़ पर थप्पड़ मारते थे |

जोर जोर से चोदने लगे मेरे बाल को पकड़कर वह जोर-जोर से मुझे चोदने लगे ऐसा लग रहा था कि मैं कोई घोड़ी हूं और मेरा बाल मेरा लगाम रहे। उन्होंने इतनी जबरदस्त तरीके से करीब 2 घंटे तक मुझे चोदा हम दोनों फिर झड़ गए हम दोनों साथ सो गए |

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हम दोनों नशे में थे कर सो गए पता भी नहीं चला हम दोनों नंगे ही सो गए सुबह जब 8:00 बजे नींद खुली तो पता चला मैं उनके साथ नंगी सोई हुई हूं। तब तक मेरे दीदी और जीजा जी का फोन भी आ गया था।

उस दिन के बाद से शाम को मैं उनके यहां चली जाती थी कई बार दोपहर को भी चली जाती थी और वह मुझे जमकर चोदते थे और मैं मजे लेती थी मैं अपनी वासना की आग को बुझा दी थी।

इतने जबरदस्त तरीके से चोदने के बाद मुझे चस्का लग गया था। अब मैं शाम को रोजाना जाती शराब पी थी और उनके लंड को अपनी चूत में लेती मैं उनके यहां ही सोने लगी थी।

शहर की एक बड़ी अच्छी बात है आप किसी के यहां जाओ किसी को कोई मतलब नहीं है कहां से आ रहे हो कहां जा रहे हो कोई मतलब किसी से कोई लेना देना नहीं यह बड़ी अच्छी बात है

मैं इसका फायदा आजकल उठा रही हूं 20 दिन हो गया है पर दो-तीन दिन में मेरे दीदी और जीजाजी आने वाले हैं उसके बाद क्या होगा अब मैं आपको अपनी दूसरी कहानी में बताऊंगी। तब तक के लिए आप सभी से विदा लेते हैं दूसरी कहानी antarvasnastory.net.inपर जल्द ही लिखने वाले हो तब तक के लिए आपका शुक्रिया।

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