Antarvasna Story

हिंदी की सेक्स कहानियाँ पढ़े और लुप्त उठाएं

Antarvasna

उफ्फ ये होली की चुदास भरी राते – Antarvasna

Antarvasna : दोस्तो,मैं सुरिंदर दिल्ली से हूँ। हम लोग लखनऊ से ट्रान्स्फर होकर मुम्बई आए थे।हमारी फैमिली एक बहुत ही सीधी,साधी मध्यम दर्जे की है और हम लोग काफ़ी खुशी से रह रहे हैं।

मेरी बीवी कुछ 2,3 बार मेरे ऑफिस वालों से मिली थी, जिसमें मेरे बॉस भी शामिल थे।मेरे ऑफिस में अधिकतर लोग जवान हैं और काफ़ी खुले और नए सोच के भी हैं, इनमें से कुछ कुंवारे भी हैं।

हालाँकि मेरा बॉस लगभग मेरी ही उमर का है।होली के दो दिन पहले बॉस कह रहे थे कि वो इअ बार की होली हमारे साथ खेलेंगे, भाभी से कहना कि वे तैयार रहें| उन्हें रंगने हम लोग आ रहे हैं।

ऐसा मैंने अपनी बीवी को बताया, इस पर मेरी बीवी बोली, ठीक है|फिर वो थोड़ा झिझकते हुए बोली, आपके बॉस मुझे घूरते हैं।जिस पर मैंने कहा, नहीं| वो तुम्हारा वहम होगा।

कातिल हसीना को चुदाई के दर्द की तलाश – Antarvasna Sex Story

उफ्फ ये होली की चुदास भरी राते - Antarvasna

इस पर मेरी बीवी बोली, ठीक है मैं तैयारी करती हूँ।होली के दिन लगभग 11 बजे मेरे बॉस और उनके साथ 4 साथी जो कि सभी अविवाहित थे, मेरे घर पर आए।

हम लोग कॉलोनी में एक बहुमंजिला इमारत में पहले माले पर रहते हैं, बाहर बाल्कनी है और थोड़ा खुली जगह भी है, अन्दर दो कमरे, रसोई, हॉल है।उन्होंने दरवाजे की घण्टी बजाई |

तो मैंने ऊपर से देखा, वे 5 लोग रंगों में डूबे हुए थे, कुछ के तो कपड़े भी फटे हुए थे, वो दरवाजे पर खड़े थे।ध्यान से देखने पर मैं एक को पहचान पाया और मैंने नीचे जाकर दरवाजा खोला।

वो सभी ऊपर आ गए। मैंने और मेरी बीवी ने उनका स्वागत किया और होली की शुभकामनाएँ दीं।फिर मेरी श्रीमती जी नाश्ता ले आई, तो बॉस बोले, भाभी पहले रंग तो खेल लो… फिर नाश्ता करवा देना…

यह कहते हुए उसने टेढ़ी नज़रों से बीवी की तरफ देखा और कुटिल मुस्कान दी।मेरी बीवी ने नजरें नीचे झुका लीं।फिर वो बीवी की तरफ ही देखने लगा और उसके मम्मे निहारने लगा।

यह देख कर मेरी बीवी ने अपना ब्लाउज पल्लू से ढक लिया, मेरी बीवी शायद उसकी नियत समझ गई थी।फिर उन लोगों ने मुझे पकड़ा, बाहर ही नल से पानी भरा और मुझ पर डाल दिया।

अब वे लोग जेब से पक्का रंग निकालने लगे और मुझ पर झपट पड़े।उन्होंने मेरे कपड़े भी थोड़े फाड़ दिए और टी,शर्ट के अन्दर रंग डाल दिया।मेरी बीवी ये सब देख कर थोड़ी सी परेशान और बेचैन हो गई।

मुझको बुरी तरह रंग लगाने के बाद, बॉस ने बीवी की तरफ फिर उसी टेढ़ी नज़र से देखा और हंसा।बीवी समझ गई कि अब उस पर हमला होने वाला है इसलिए वो अन्दर जाने लगी।

यह देख कर बॉस मेरी बीवी को पकड़ने के लिए आया, तो बीवी ने भागना शुरू किया तो वो भी बीवी के पीछे भागा।मेरी बीवी दो कमरों और हॉल से होती हुई, बाल्कनी में जा पहुँची और बाहर से दरवाजा बंद करने लगी।

लेकिन उससे पहले ही वो वहाँ पहुँच गया और दरवाजे को ज़ोर से धक्का दिया, जिससे बीवी पीछे की ओर हो गई और दरवाजा खुल गया।मेरी बीवी ने कहा, प्लीज़ नहीं| मुझे रंगों से डर लगता है।

मेरी चूत के राजा जम जम के चुत मरता जा part 2 – Antarvasna Sex Story

उफ्फ ये होली की चुदास भरी राते - Antarvasna

तो वो बोला, अरे डरने की क्या बात है| आज सारा डर निकाल देते हैं।फिर वो मेरी बीवी को पकड़ने लगा, पर बीवी उससे बच रही थी।यह देख कर उसने बीवी को एकदम से झपट्टा मार कर पेट से पकड़ कर उठा लिया|

इसी तरह उठा कर हॉल में ले आया।यह सब इतना जल्दी हुआ कि मेरी बीवी समझ ही नहीं पाई।जैसे ही वो समझी| वो चिल्लाई, तो मैं अन्दर आने लगा।

तो मेरे दोस्तों ने रोक लिया और कहा, होली है यार थोड़ा बहुत तो चलता है।फिर वो मेरी बीवी को पकड़ कर बाथरूम में ले गया और उसको दबा कर खड़ा हो गया।

उसने अपनी जेब से रंग निकाला और साथ ही फव्वारा चालू कर दिया।मेरी बीवी पूरी भीग गई, जिससे वो और भी मस्त और मादक दिखने लगी।उसके कपड़ों के अन्दर का नजारा उसकी पतली साड़ी के आर,पार से सब दिखने लगा।

वो शर्म के मारे दूसरी तरफ मुँह करके खड़ी हो गई।बॉस ने रंग हाथ में लिया और मेरी बीवी के मुँह पर पूरा ज़ोर लगा कर रगड़ने लगा।आगे से देखने पर मेरे बॉस को पता चला कि मेरी बीवी ने ब्रा नहीं पहनी थी |

उसके चूचुक दिख रहे थे। मेरी बीवी के मुँह पर रँग रगड़ने के बाद उसने थोड़ी सी पकड़ ढीली की| तो बीवी भागने लगी।लेकिन उसने फिर पकड़ लिया और कहा, अभी तो रंग लगाया ही कहाँ हैं।

फिर बॉस उसको दबोच कर खड़ा हो गया, जिससे वो भाग ना सके और रंग की डिब्बी खोली।इस बार उसने आधी डिब्बी रंग हथेली पर लिया और बीवी की तरफ हाथ बढ़ाया और फिर पूरे मुँह पर, गर्दन पर और हाथों पर रंग लगा दिया।

इसके बाद बॉस उसके गले से लग गया और उसे अपनी बाँहों में भर कर ‘हैप्पी होली’ कहने लगा।यह देख कर वो घबरा गई और चिल्लाई… वो मुझे आवाज़ देने लगी।मैं अन्दर आया, तब तक वो बीवी को छोड़ चुका था।

मेरे आते ही उसने कहा, तू चिंता मत कर| बस रंग ही तो लगा रहा हूँ।वो कुछ बोलती इससे पहले उसने रंग लगाने के बहाने उसका मुँह दबा दिया और मैं बाहर आ गया।

इसके बाद वो डर गई और कहने लगी, मुझे छोड़ दो| क्या कर रहे हो?उसने बाल्टी में रंग घोला और बीवी पर पूरी बाल्टी उड़ेल दी।इसके बाद उसने और रंग लिया |

इस बार उसने बीवी की गर्दन और पीठ पर से ब्लाउज के अन्दर हाथ डाल कर रंग लगा दिया।फिर वो बीवी के मम्मे पकड़ कर दबाने लगा और छाती पर भी रंग लगा दिया।

फिर उसने और रंग लिया और छाती के अन्दर हाथ डाल कर रंग लगाने लगा और मम्मे भी मसलने लगा। बीवी सिसकारियाँ भरने लगी और वो उन्हें और दबाने लगा।इस सबसे ब्लाउज के 2 हुक टूट गए |

बीवी के मम्मे एकदम निकलने को होने लगे।फिर बॉस ने उस की गाण्ड दबाई और थोड़ा रंग उसकी पीठ के अन्दर डाल दिया और गाण्ड की दरार में अन्दर हाथ डाल कर रंग लगाने लगा।

पूरी तरह बीवी का शरीर मसलने के बाद बॉस ने उसको छोड़ा और कहा, याद रखना मैं तुम्हारे पति का बॉस हूँ।यह कह कर बाहर चला गया।मेरी बीवी कुछ देर बाद संभली, उसने अपनी साड़ी को सही किया |

अपने ब्लाउज और मम्मों को साड़ी से ढका और बाहर आई। उसके पूरे शरीर पर रंग ही रंग था। उसे पूरा काले, हरे, लाल रंगों से रंग दिया था। उसकी गीली साड़ी और रंग की वजह से और दबाने से उसके मम्मे व गाण्ड और भी मस्त हो गए थे।

मेरी चूत के राजा जम जम के चुत मरता जा part 1 – Antarvasna Sex Story

उफ्फ ये होली की चुदास भरी राते - Antarvasna

बॉस के बाहर जाते ही उसने मुँह धोया और थोड़ा रंग साफ़ किया ताकि रँग चढ़ ना जाए।उतनी देर में मैंने उसे आवाज़ लगाई, नाश्ता मिलेगा या नहीं?तो उसने कहा, लाती हूँ।

वो नाश्ता लेकर आई, तो बॉस बोला, लो भाभी ने तो मुँह भी धो लिया| लगता है इन्हें फिर से होली खेलनी है।सब लोग हँसने लगे, बीवी बिना बोले अन्दर चली गई।तभी वहाँ मोहल्ले के कुछ 15,20 लड़कों की टोली आई।

यह लोग सुबह से ही सड़क पर घूम रहे थे और लोगों को रंग लगा रहे थे। सभी कॉलोनी के ही 20,25 साल के लड़के थे।
इन्होंने लड़कियों को ख़ास निशाना बना रखा था और अगर कोई लड़की इनके हाथ लगी |

तो समझो उसकी शामत पक्की थी, ये लोग पक्के रंग, पानी, ग्रीस, कीचड़, सब का इस्तेमाल कर रहे थे।ये लोग ऊपर आए और मुझे और उनके ऑफिस के लोगों को रंग लगाने लगे।

इसके बाद उन्होंने पूछा, अंकल| आंटी नज़र नहीं आ रही हैं।तो मैंने कहा, वो होली नहीं खेलती हैं।वो लोग बहाने करने लगे कि सिर्फ़ गुलाल से ही होली खेलेंगे, आप आंटी को बुलाओ।

लेकिन मैंने मना कर दिया, यह देख कर बॉस बोले, अरे बुला लो| यार होली है और यह लोग तो बच्चे हैं| खेलने दो होली…तो मैंने कहा, आप इन्हें नहीं जानते, रहने दीजिए…इस पर बॉस ने कहा, कम ऑन यार| तुम भी…

मैं कुछ नहीं बोला और दो मिनट सब चुप हो गए।तभी मैंने देखा कि मेरा बॉस और उनमें से 1,2 लड़के हंस रहे हैं। मैं समझा कुछ गड़बड़ है।इस पर बॉस ने पूछा, टॉयलेट किधर है?

वो बिना मेरे जबाव का इन्तजार किए अन्दर चले गए।बीवी एक तरफ खड़ी थी, टॉयलेट से बाहर निकल कर उन्होंने मेरी बीवी से पानी माँगा, तो वो पानी लेकर आई और उन्होंने पानी का गिलास लेने के बजाए बीवी का हाथ पकड़ लिया।

इस पर वो चिल्लाई, छोड़ो| छोड़ो|तो बॉस भी ज़ोर से बोले, होली है भाभी| होली है|वो उसको खींच कर बाहर ले आए।
बाहर लाकर बीवी को सबके बीच में खड़ा करके कहा, लो खेल लो होली… अपनी आंटी के साथ…

यह देख कर मैंने बॉस की तरफ देखा तो बॉस ने इशारे में मुझे चुप कर दिया और कहा, चलो हम गुप्ता जी से मिल कर आते हैं।वो मुझको लेकर निकलने लगे।

इधर बीवी जब आई तो खींच,तान में उसकी साड़ी का पल्लू खिसक गया था और मम्मे दिखने लगे थे। उसके 34 साइज़ के सुंदर मम्मे देख कर और सेक्सी फिगर देख कर सबकी आँखें चमक गईं।

बीवी ने खुद को देखा और जल्दी से पल्लू सही किया। फिर वो लोग मेरे सामने बड़ी तमीज़ से एक,एक करके गुलाल लगाने लगे।यह देख कर मैं भी इस सबको हल्के में लेकर निकल गया।

मेरे निकलते ही, एक ने हाथ में पक्का रंग लिया और बीवी की तरफ झपटा और मुँह पर रगड़ने लगा। वो भागने लगी लेकिन चारों तरफ से उन्होंने घेर लिया था। फिर तो बस उन्होंने पानी भरा और एक,एक करके बीवी को रंगने लगे।

वो सब बीवी के चेहरे के अलावा गर्दन पर भी रंग लगा रहे थे और रंगों के पानी और बालों में रंग डाल रहे थे।एक लड़के ने एक ट्यूब निकाली और पूरी ट्यूब का रंग हाथ में लेकर बीवी पर लगा दिया।

इस सब में सारे लौंडे मेरी बीवी के पास जाकर उससे चिपक रहे थे। तभी एक ने पीछे से आकर उसकी छाती पर और ब्लाउज के अन्दर हाथ डाल दिया घर के सामने वाली चाची के साथ सेक्स और रंग लगाने लगा।

वो चिल्लाने लगी, तो एक ने आकर मुँह पर रंग लगाने शुरू किया।फिर तो उन्होंने उसके जिस्म का कोई भी हिस्सा नहीं छोड़ा।होली में इस चुदास से भरी छीना,झपटी में उसकी साड़ी उतर गई |

ब्लाउज, पेटीकोट का रंग पूरा बदल गया था। सब लोग आकर उसके मम्मे और गाण्ड दबाते थे और उसके ब्लाउज के अन्दर हाथ डाल कर रंग लगा रहे थे।कई लोगों ने तो सूखा रंग उसकी चड्डी तक में डाल दिया था।

हरामी भाई ने गोली खाकर बहन की गांड फाड़ी – Antarvasna Sex Story

उफ्फ ये होली की चुदास भरी राते - Antarvasna

कुछ ने तो उसकी चूत पर भी हाथ रगड़ दिया।फिर वो बीवी को गले लग कर होली की मुबारक बाद देने लगे और बोले, मज़ा आ गया आज तो,जब वो लोग हटे तब बीवी का हाल,बेहाल हो गया था|

उसके गीले और रंगे हुए मम्मे, जो कि उसके तंग ब्लाउज से उभरे पड़ रहे थे। गीला पेटीकोट जो कि गाण्ड से चिपक रहा था, उसे बहुत ही मादक बना रहा था और मोहल्ले के लोग भी छत पर आकर और बाल्कनी से इस सबका मज़ा ले रहे थे।

मेरी बीवी की हालत एक कुतिया के जैसी हो गई थी। उनके जाने के बाद बीवी ने साड़ी पहनी तभी मैं आ गया। साथ में बॉस भी थे सभी सीधे अन्दर घुसे और वो बीवी को देख कर हँसने लगे और बोले, क्यूँ भाभी मज़ा आया ना|

मैं मानता हूँ कि मेरी बीवी की चुदाई जरूर नहीं हुई थी पर ये सब क्या किसी चुदाई से कम था।यह सत्य घटना कैसी लगी मुझे ईमेल करें।

ऐसी कयामत भरी चुदास कहानी पढ़ने के लिए www.antarvasnastory.net.in पर बने रहना। हम आपको पूरा यकीन दिलाते हैं आपकी पसंद की हर कहानियां लेकर आएंगे। और चुत औऱ लन्ड की गर्मी शांत करते रहेंगे।

और कहानियाँ पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *